शुरुआती असफलताओं के बावजूद, पूज्य प्रियदर्शिनी आखिरकार एक आईएएस अधिकारी बन गईं। इन्होंने शुरू में तीन असफल प्रयासों के बाद अपनी तैयारी छोड़ने का फैसला किया था।
लेकिन फिर अपने परिवार के सपोर्ट से एक बार फिर हौसला करते हुए पूरी तैयारी की और फिर अखिल भारतीय रैंक 11 प्राप्त करके 2018 यूपीएससी परीक्षा में सफलता हासिल की।
पूज्य प्रियदर्शिनी ने दिल्ली में बी.कॉम पूरा करने के बाद न्यूयॉर्क के कोलंबिया विश्वविद्यालय से पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में पीजी की उपाधि प्राप्त की।
इसके बाद उन्होंने करीब 2 साल तक एक कंपनी में काम किया। इस बीच उन्होंने यूपीएससी की तैयारी जारी रखी।
2013 में पूज्य का पहला प्रयास विफल रहा, जिसके कारण आगे की तैयारी के लिए तीन साल का गैप लिया। 2016 के प्रयास में वह इंटरव्यू राउंड तक पहुंची लेकिन उसे एक और झटका लगा।
2017 की प्री-एग्जाम में मामूली अंतर से मिली असफलता की निराशा ने उन्हें UPSC की तैयारी छोड़ने पर विचार करने के लिए प्रेरित किया। हालांकि परिवार के सपोर्ट ने उसे ऐसा करने से रोका।
इस बार उनका दृढ़ संकल्प रंग लाया और उन्होंने 2018 यूपीएससी परीक्षा में सफलता हासिल की। उन्हें ऑल इंडिया रैंक 11 मिला।
पूज्य प्रियदर्शनी यूपीएससी परीक्षा की तैयारी में कड़ी मेहनत और धैर्य के महत्व पर जोर देती हैं।
वह उम्मीदवारों को सलाह देती हैं कि असफलता से घबराएं नहीं, बल्कि गलतियों से सीखें और बाद के अटैंम्प्ट में समर्पित प्रयास करें।
उनकी कहानी इस विश्वास को रेखांकित करती है कि ईमानदार मेहनत से की गई तैयारी और समर्पण से अंततः यूपीएससी परीक्षा में सफलता मिल ही जाती है।