सारांश मध्य प्रदेश के एक छोटे से शहर शिवपुरी के रहने वाले हैं। उनके पिता संजीव गुप्ता पंचायत सचिव हैं। जबकि मां गृहिणी हैं। उनके बड़े भाई और बहन एक बैंक में काम करते हैं।
सारांश को परिवार से पूरा सहयोग मिला। 12वीं के बाद उन्होंने जेईई मेन और जेईई एडवांस परीक्षा उत्तीर्ण की और आईआईटी बीएचयू से सिविल इंजीनियरिंग पूरी की।
सारांश की काबिलियत के कारण उन्हें पढ़ाई के दौरान ही नौकरी के ऑफर मिलने लगे। रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन्हें 16 लाख रुपये के पैकेज वाली नौकरी ऑफर की गई थी।
सारांश का लक्ष्य सिविल सर्विसेज था। उन्होंने अपनी यूपीएससी आईईएस की तैयारी पर ध्यान केंद्रित करने के लिए सिर्फ एक साल के बाद अपनी हाई सेलरी जॉब छोड़ दी।
सारांश ने अपने पहले ही प्रयास में यूपीएससी आईईएस में सफलता हासिल की। जल्द ही भारतीय इंजीनियरिंग सेवा में शामिल होने वाले सारांश ने कहा कि यह उनकी पसंदीदा नौकरी है।
सारांश देश के सबसे युवा IES (भारतीय इंजीनियरिंग सेवा) अधिकारी बन गए हैं। उन्हें देश में 20वीं रैंक मिली है।
संघ लोक सेवा आयोग ने हाल ही में यूपीएससी ईएसई अंतिम परिणाम 2023 घोषित किया है। विभिन्न विषयों के तहत नियुक्ति के लिए कुल 401 उम्मीदवारों की सिफारिश की गई है।