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डीपफेक क्या है, कितना खतरनाक? बनाने वाले को मिलेगी यह सख्त सजा

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डीपफेक टेक्नोलॉजी

डीपफेक फोटा और वीडियो एडिटिंग का बेहद खतरनाक रूप है। अब भारत सरकार ने इस डीपफेक टेक्निक से निपटने के लिए कुछ गंभीर कदम उठाए हैं। जानें डिटेल

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कई लोग डीपफेक के शिकार

डीपफेक टेक्नोलॉजी रेगुलर फोटो और वीडियो एडिटिंग से आगे निकल चुकी है, जिससे रिस्क बढ़ता जा रहा है। कई प्रमुख एक्टर, एक्ट्रेस और अन्य लोग डीपफेक के शिकार हुए हैं।

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एडवांस लेवल का डिजिटल हेरफेर

यह टेक्नोलॉजी सिर्फ फोटो और वीडियो एडिटिंग नहीं है, यह कहीं अधिक खतरनाक है क्योंकि यह एक एडवांस लेवल का डिजिटल हेरफेर डिवाइस है।

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डीपफेक की चपेट में रश्मिका मंदाना

भारत सरकार ने इस डीपफेक टेक्नोलॉजी से निपटने के लिए कुछ गंभीर कदम उठाए हैं, जिसकी चपेट में हाल ही में रश्मिका मंदाना और कैटरीना कैफ जैसी एक्ट्रेस आईं।

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विजुअल कंटेंट को बदल दिया जाता है

डीपफेक टेक्नोलॉजी शब्द पारंपरिक फोटो और वीडियो एडिटिंग टेक्नोलॉजी की तुलना में एक बड़ा खतरा पैदा करता है। जिसमें फोटो और वीडियो एडिटिंग में विजुअल कंटेंट को बदलना शामिल है।

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रियल दिखता है हेरफेर

डीपफेक टेक्नोलॉजी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करके इस हेरफेर को एडवांस्ड लेवल तक ले जाती है। यह एक व्यक्ति को हूबहू दूसरे व्यक्ति के जैसा बना देता है और वह रियल दिखता है।

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डीपफेक में धोखा, हेरफेर

डीपफेक से जुड़े गंभीर परिणामों के कारण यह टेक्नोलॉजी बहुत खतरनाक है। हार्मलेस एडिटिंग की दुनिया से परे, डीपफेक में धोखा, हेरफेर करने और महत्वपूर्ण नुकसान पहुंचाने की शक्ति होती है।

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प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाना

इसका उपयोग दुर्भावनापूर्ण उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है, जिसमें गलत सूचना फैलाना, प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाना और गोपनीयता से समझौता करना शामिल है।

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भारत सरकार डीपफेक पर सख्त

लोकप्रिय अभिनेत्री रश्मिका मंदाना के हालिया वायरल डीपफेक वीडियो के मद्देनजर भारत सरकार ने सख्त रुख अपनाते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ऐसी भ्रामक कंटेंट को लेकर निर्देश दिया है।

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सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 66डी

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 66डी का उपयोग किया है। जो कंप्यूटर सोर्स का उपयोग करके धोखाधड़ी के लिए सजा से संबंधित है।

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दोषी को तीन साल कैद, जुर्माना भी

बताया गया है कि संचार उपकरणों या कंप्यूटर संसाधनों का उपयोग करके धोखाधड़ी करने का दोषी पाए गए व्यक्तियों को अधिकतम तीन साल की कैद और एक लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।

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24 घंटे में कंटेंट हटाने का निर्देश

सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों को 24 घंटे के भीतर ऐसे कंटेंट हटाने का भी निर्देश दिया है।

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