उत्तराखंड आज इतिहास रचने जा रहा है क्योंकि यह यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) लागू करने वाला भारत का पहला राज्य बनने जा रहा है।
UCC विधेयक 2024 को उत्तराखंड विधानसभा ने फरवरी 2024 में पास किया था। इस कानून का उद्देश्य पुरानी व्यक्तिगत कानूनों को बदलना है, जो शादी, तलाक, उत्तराधिकार जैसे मामलों पर आधारित है।
यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) का मतलब है सभी नागरिकों के लिए एक जैसे कानून। इसका उद्देश्य है कि धर्म के आधार पर अलग-अलग कानूनों के बजाय एक समान कानून हो।
अभी भारत में लोग अपने-अपने धर्मों के मुताबिक व्यक्तिगत कानूनों का पालन करते हैं। इससे शादी, तलाक और विरासत जैसे मामलों में अलग-अलग समुदायों के लिए अलग-अलग कानून बने हुए हैं।
UCC का एक प्रमुख लक्ष्य है महिलाओं और पुरुषों के बीच समानता लाना। अभी कई कानून पुरुषों के पक्ष में झुके हुए हैं, जिससे महिलाओं को नुकसान होता है। UCC इसे दूर करने का प्रयास करेगा।
बेटा और बेटी दोनों को संपत्ति में समान अधिकार मिलेगा, चाहे वे किसी भी वर्ग के हों।
बहुविवाह को खत्म कर दिया जाएगा और एक पत्नी या पति का नियम लागू होगा। पुरुषों के लिए शादी की न्यूनतम उम्र 21 साल, महिलाओं के लिए 18 साल होगी। शादी का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होगा।
UCC कानून संपत्ति अधिकारों के मामले में वैध और अवैध बच्चों के बीच भेदभाव खत्म करेगा। सभी बच्चों को उनके जैविक माता-पिता की संतान के रूप में मान्यता मिलेगी।
व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसकी संपत्ति में जीवनसाथी और बच्चों को समान अधिकार मिलेगा। साथ ही, माता-पिता को भी बराबर अधिकार दिए जाएंगे।
भारत में गोवा एकमात्र ऐसा राज्य है जहां पुर्तगाली सिविल कोड के तहत UCC जैसी प्रणाली लागू है। यह भारत के लिए एक मिसाल की तरह काम कर सकता है।