बायजूस (Byjus) के दो सबसे बड़े इन्वेस्टर्स प्रोसस NV और पीक XV पार्टनर्स ने वोट डालकर कंपनी के फाउंडर बाजयू रवींद्रन को CEO के पद से हटाया है।
इससे पहले अन्य चार निवेशकों ने कंपनी के खिलाफ कानूनी एक्शन लिया है। मिसमैनेजमेंट और फेल्योर्स की वजह से बायजू रवींद्रन और उनकी फैमिली को बोर्ड से हटाया।
इन शेयरहोल्डर्स के पास बायजूस में टोटल 30% से ज्यादा हिस्सेदारी है। वहीं रवींद्रन और उनकी फैमिली की कंपनी में करीब 26% हिस्सेदारी है।
बायजू रवीन्द्रन एजुटेक स्टार्टअप बायजूस संस्थापक हैं। केरल के कन्नूर जिले के अझिकोड गांव के फिजिक्स और मैथ्स शिक्षकों के बेटे, रवींद्रन एक पूर्व शिक्षक भी हैं जो एक उद्यमी बन गए।
इंजीनियरिंग ग्रेजुएट बायजू रवीन्द्रन ने एक शिपिंग कंपनी में कुछ साल काम करने के बाद दोस्तों को गणित पढ़ाना शुरू किया। कैट जैसी प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी में मदद करने लगे।
2003 में उन्होंने स्वयं बिना तैयारी CAT की परीक्षा दी, 100% मार्क्स प्राप्त किये। 2 साल बाद अन्य लोगों को CAT पास करने में मदद की। फिर फुल टाइम जॉब के रूप में पढ़ाने का फैसला किया।
रवीन्द्रन कुछ दोस्तों को पढ़ाने से लेकर बड़े कॉन्फ्रेंस हॉल में सैकड़ों छात्रों को पढ़ाने और सैटेलाइट डेटा के माध्यम से क्लासेज लेने तक चले गए।
2015 में अपना मुख्य ऐप लॉन्च करने से पहले, उन्होंने ऑनलाइन कोर्स पेश करने के लिए 2011 में थिंक एंड लर्न की स्थापना की।
2018 में बायजू रवींद्रन ने ईवाई एंटरप्रेन्योर ऑफ द ईयर अवार्ड (स्टार्टअप श्रेणी) जीता।रवींद्रन का स्टार्ट-अप बायजू फ्रीमियम मॉडल पर चलता है।
छात्रों को आईआईटी-जेईई, एनईईटी, कैट और आईएएस जैसी भारतीय परीक्षाओं के साथ-साथ जीआरई और जीमैट जैसी अंतरराष्ट्रीय परीक्षाओं के लिए तैयार करता है।
जुलाई 2019 में बायजू ने भारतीय क्रिकेट टीम की जर्सी पर भी अपनी जगह बना ली। बायजू 33 मिलियन यूजर्स, 2.2 मिलियन कस्टमर के साथ सबसे सफल एडुटेक स्टार्टअप बन गया।वैल्यू लगातार बढ़ती गई।
बायजू ऐप हार्वर्ड बिजनेस स्कूल में एक बिजनेस केस बन गया है।इसे कई पुरस्कार प्राप्त हुए हैं, जिनमें कॉर्पोरेट उत्कृष्टता के लिए बिजनेस स्टैंडर्ड वार्षिक पुरस्कार (2018) भी शामिल है।
लेकिन एडटेक कंपनी बायजू (Byju) अभी मुश्किलों के दौर से गुजर रही है। कंपनी की आर्थिक हालत खराब हो चुकी है। हाल में कर्मचारियों को सैलरी देने के लिए भी कंपनी के पास पैसे नहीं बचे।
एक समय ऐसा भी आया जब रवींद्रन (Byju Ravindran) ने कर्मचारियों को सैलरी देने के लिए अपना घर और यहां तक की परिवार के सदस्यों के घर को भी गिरवी रख दिया।
कर्ज के बोझ तले दबी एडटेक कंपनी बायजू (Byju's) से इनवेस्टर्स ने आखिरकार कंपनी के फाउंडर और सीईओ बायजू रविंद्रन (Byju Raveendran) को उनके पोस्ट से हटा दिया।
एक समय देश के सबसे मूल्यवान स्टार्टअप बायजू को 2022 में 8245 करोड़ का घाटा हुआ। अब बायजू की मार्केट वैल्यू घटकर 1 अरब डॉलर रह गई है, जो कि अप्रैल 2023 में 22 अरब डॉलर थी।