डोंबिवली में छोटा बच्चा संत बनने के लिए तैयार है। मात्र 9 साल की उम्र में यह बच्चा दीक्षा लेकर आत्म-वैराग्य के मार्ग पर चलने के लिए तैयार है।
बच्चे की छोटी उम्र में जब माता-पिता उसके लिए नये-नये सपने बुनते हैं, जिगर शाह और किरण शाह ने अपने बच्चे सैयम के लिए आध्यात्मिक राह चुनी है। सैयम नाम का शाब्दिक अर्थ संयम है।
सैयम को कम उम्र में ही तीर्थयात्रियों के पास ले जाया गया। फ्री प्रेस जर्नल की रिपोर्ट अनुसार 8 साल तक धार्मिक कार्यों में लगा रहा,अब 9 साल की उम्र में अब वैराग्य के मार्ग पर चलेगा।
सैयम के माता-पिता के अनुसार परिवार 2020 में लॉकडाउन के दौरान जैन भिक्षु जगतशेखरविजय महाराज द्वारा दिए गए उपदेशों में भाग लेता था।
समय के साथ सैयम आचार्य द्वारा किए गए धार्मिक अनुष्ठानों में अत्यधिक शामिल हो गया, जिससे उसके माता-पिता को दीक्षा प्राप्त करने की उनकी इच्छा के बारे में संकेत मिला।
सैयम के पिता जिगर शाह और मां किरण ने सांसारिक जीवन व्यतीत किया है फिर भी उन्होंने तय किया था कि यदि सैयम दीक्षा प्राप्त करने की इच्छा व्यक्त करेगा तो उसे रोकेंगे नहीं।
सैयम के साथ उसके पिता और मां समेत 5 लोग एक साथ दीक्षा प्राप्त करेंगे। 15 अप्रैल को परिवार भुवनभानु समुदाय के विजयराजेंद्र सूरीश्वरजी से दीक्षा प्राप्त करेगा।
सैयम और जिगर कृपाशेखरविजयजी महाराज के शिष्य बन जाएंगे, जो श्रद्धेय अजितशेखर सूरीश्वरजी के शिष्य हैं, जबकि किरण जैन नन हितज्ञध राश्री की शिष्या बन जाएंगी।