हर साल 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस मनाते हैं। इसे नागपुर में 10 जनवरी 1975 को हुए पहले विश्व हिंदी सम्मेलन की याद में मनाते हैं जिसमें 30 देशों के 122 प्रतिनिधियों ने भाग लिया था।
सम्मेलन का उद्देश्य हिंदी भाषा को पूरी दुनिया में बढ़ावा देना था। 2006 में पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने विश्व हिंदी दिवस मनाने की शुरुआत की थी ताकि इसे वैश्विक पहचान मिले।
हिंदी में पहली कविता लिखने वाले प्रसिद्ध कवि 'अमीर खुसरो' थे।
हिंदी भाषा के इतिहास पर पहली किताब लिखने वाले भारतीय नहीं, बल्कि एक फ्रांसीसी लेखक 'ग्रैसिम दी तैसी' थे।
1977 में देश के पूर्व प्रधानमंत्री 'अटल बिहारी वाजपेयी' ने गर्व से संयुक्त राष्ट्र में हिंदी में भाषण दिया, जिससे हिंदी भाषा के प्रति सम्मान बढ़ा।
26 जनवरी 1950 को, भारतीय संविधान के अनुच्छेद 343 के तहत हिंदी को प्रमुख भाषा के रूप में स्वीकार किया गया।
रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत के अलावा भी कई अन्य देशों में हिंदी बोली जाती है, जैसे नेपाल, बांग्लादेश, पाकिस्तान।
कई हिंदी शब्द जैसे 'गुड' और 'सूर्य नमस्कार' को ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी में शामिल किया गया है।
2000 में हिंदी ने इंटरनेट पर अपनी शुरुआत की थी, जब पहली हिंदी मैगजीन प्रकाशित की गई थी। इसके बाद से हिंदी भाषा का असर इंटरनेट पर बढ़ता गया और आज यह काफी लोकप्रिय हो गई है।
जहां इंग्लिश के रोमन लिपि में कुल 26 अक्षर होते हैं, वहीं हिंदी की देवनागरी लिपि में 52 अक्षर होते हैं।