गोविंदा के पिता भी एक्टर थे, वहीं मायानगरी में खुद को खड़ा करने के लिए एक्टर को लंबा स्ट्रगल करना पड़ा था।
गोविंदा का सितारा भी एकदिन चमक गया, उन्हें एक साथ दो फिल्में इल्जाम और लव 86 मिल गईं। दोनों फिल्में हिट हो गईं और गोविंदा की गाड़ी निकल पड़ी ।
इल्जाम, लव 86, खुदगर्ज और दरिया दिल की सक्सेस के बाद गोविंदा का सिक्का बोलने लगा था। इसके बाद उन्होंने बहुत कम समय में एक के बाद एक 70 फिल्में साइन कीं।
लेहरन रेट्रो के साथ एक इंटरव्यू में गोविंदा ने खुलासा किया था कि एक समय पर उन्होंने 70 फिल्में साइन की थीं, जिनमें से कई मूवी की तो शूटिंग तक शुरु नहीं हुई।
गोविंदा ने कादर खान और शक्ति कपूर के साथ राजा बाबू, कुली नंबर 1, बनारसी बाबू, हीरो नंबर 1 और बड़े मियां छोटे मियां जैसी हिट फिल्में दी थीं।
करियर में सफल होने के बाद गोविंदा ने ताल और देवदास सहित ब्लॉकबस्टर फिल्मों के लिए ना कह दिया था। वहीं एक्टिंग छोड़ उन्होंने कांग्रेस ज्वाइन कर ली थी।
पॉलिटिक्स ज्वाइन करने के दौरान गोविंदा ने 2003 से 2005 तक फिल्मों से ब्रेक ले लिया था। हालांकि वे यहां भी कोई बड़ा मुकाम हासिल नहीं कर पाए थे।
गोविंदा ने भागम भाग (2006) से बॉलीवुड में वापसी की। इसके नेक्सट ईयर उन्होंने डेविड धवन के साथ पार्टनर (2007) में काम किया, और यह एक ब्लॉकबस्टर थी।
भागमभाग और पार्टनर जैसी दो बड़ी हिट फिल्मों के बावजूद गोविंदा का करियर रफ्तार नहीं पकड़ सका था।
गोविंदा से डायरेक्टर, फिल्म मेकर का मोहभंग होने की सबसे बड़ी वजह उनका शूटिंग में लेट लतीफी से आना था। ऐसा कहा जाता है कि वे सनराइज का सीन शूट करने के लिए सनसेट पर पहुंचते थे।
बड़े मियां छोटे मियां के दौरान अमिताभ बच्चन तो टाइम पर पहुंच जाते थे, लेकिन गोविंदा कई घंटे लेट हो जाते थे। उनके इस रवैये ने फिल्म मेकर को खासा परेशान कर दिया था।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, गोविंदा सेट पर ऐसे लोगों से नहीं मिलते जो रेड कलर के कपड़े पहनते हों। शूटिंग के दौरान उनका खाना घर से आता है, जिसका मैन्यू भी वही डिसाइड करते थे।
गोविंदा को आखिरी बार बड़े पर्दे पर रंगीला राजा (2019) में देखा गया था। अब वह रियलिटी शो में गेस्ट की भूमिका में नज़र आते हैं।