Bade Miyan Chote Miyan का डायरेक्शन सुल्तान और टाइगर जिंदा है फेम अली अब्बास ने किया है। हालांकि वे स्मूथ तरीके से फिल्म को क्लाइमेक्स तक ले जाने में नाकाम रहे हैं।
बड़े मियां छोटे मियां की कहानी एकदम घिसीपिटी है, इस प्लॉट पर कई फिल्में बन चुकी हैं। बड़े पैमाने पर फिल्माए गए एक्शन सीन भी कहानी को धार नहीं दे पाए हैं।
बड़े मियां छोटे मियां में पूरी फिल्म में एक्शन सीन की भरमार है, कहीं भी इमोशन को फेवर नहीं किया गया है। ये मूवी का सबसे कमज़ोर पहलू है।
अक्षय कुमार, रोनित रॉय की एक्टिंग एवरेज है। अलाया एफ ने चुलबुली लड़की का किरदार निभाया है जो औसत से कम है।
टाइगर श्रॉफ के चेहरे पर एक्सप्रेशन तलाशना वैसे भी टेढ़ी खीर होता है, इस फिल्म में उनकी एक्टिंग ने बहुत निराश किया है।
पृथ्वीराज सुकुमारन और मानुषी छिल्लर ने जरुर अपनी एक्टिंग से प्रभावित किया है । लेकिन कहानी के मुताबिक दोनों के एक्सप्रेशन में बहुत ज्यादा अंतर नहीं है।
बड़े मियां छोटे मियां में कुछ डायलॉग बेहद शानदार हैं, लेकिन अक्षय कुमार, टाइगर श्रॉफ, रोनित रॉय की डायलॉग डिलीवरी एकमद सपाट है।
बड़े मियां छोटे मियां में एक्शन के अलावा कुछ नहीं है। आम बॉलीवुड मूवी की तरह इसमें कोई मसाला नहीं है।
बड़े मियां छोटे मियां में सीक्वेंस नज़र नहीं आया है। क्लाइमेक्स यूके में फिल्माया गया है। लेकिन सब कुछ भारत में घटित होता है, जो कन्प्यूजन क्रियेट करता है।
बड़े मियां छोटे मियां की कहानी की कुछ बातें हजम करना थोड़ा मुश्किल है, कोई क्लोन खत्म होने के बाद खुद को कैसे खड़ा कर सकता है, ये मौजूदा साइंस से तो पॉसिबल नहीं है।