अमिताभ बच्चन स्टारर 'अग्निपथ' की रिलीज को 35 साल हो गए हैं। 16 फ़रवरी 1990 को आई यह फिल्म फ्लॉप हो गई थी, लेकिन इसके डायलॉग्स आज की फिल्मों पर भारी पड़ते हैं। पढ़ें ऐसे 10 डायलॉग...
तुम अपनी मौत की तरफ चल नहीं....बल्कि दौड़ रहे हो।
मैंने तुम्हे मां के क़दमों के नीचे स्वर्ग ढूंढने का पाठ पढ़ाया... और तुम तवायफ के क़दमों के नीचे नर्क ढूंढने चले गए हो।
कमज़ोर की दोस्ती...ताकतवर के वार को कम कर देती है।
दुश्मन से अगर फायदा हो...तो उसे अपना दोस्त बना लो।
कहने को तो ये शहर है...सिर्फ कहने को...पर इधर जंगल का क़ानून चलता है।
गलत चीज़ बनाया टेलीफोन...उधर से आदमी सोचता कुछ है, बोलता कुछ है, करता कुछ है...जैसे तुम।
इस दुनिया में जिंदा रहने के लिए बिगड़ा हुआ होना बहुत जरूरी है।
इंसान पहले जानवर था....सदियां लगीं उसे जानवर से इंसान बनने में...लेकिन तुझे इंसान से जानवर बनने में ज़रा भी वक्त नहीं लगा।
इस दुनिया में तरक्की करने के लिए...ना बोलना बहुत जरूरी है।
विजय दीनानाथ चौहान...पूरा नाम...बाप का नाम...दीनानाथ चौहान।