दिग्गज फिल्ममेकर अनुराग कश्यप ने बॉलीवुड छोड़ दिया है। वे मुंबई से दूर किसी दूसरे शहर में बस गए हैं। उनके मुताबिक़, उन्हें बॉलीवुड का माहौल टॉक्सिक लगने लगा था।
अनुराग कश्यप ने 1997 में बतौर स्कीनराइटर बॉलीवुड में कदम रखा था। उन्होंने 'सत्या', 'कौन' और 'जंग' जैसी फिल्मों की कहानी और 'शूल' और 'नायक' जैसी फिल्मों के डायलॉग लिखे थे।
2003 में बतौर डायरेक्टर अनुराग कश्यप की पहली फिल्म 'पांच' बनकर तैयार हुई, जो कभी रिलीज नहीं हो पाई। उनकी अगली फ़िल्में 'ब्लैक फ्राइडे' (2004) और 'नो स्मोकिंग' (2007) फ्लॉप रहीं।
अनुराग कश्यप 2007 में 'द रिटर्न ऑफ़ हनुमान', 2008 में 'मुंबई कटिंग' बनाईं, जो डिजास्टर रहीं। 2009 में उन्हें थोड़ी सी सफलता 'देव डी' से मिली, जो 15.30 करोड़ कमाकर एवरेज रही।
अनुराग कश्यप निर्देशित 'गुलाल'(2009) फ्लॉप और 'द गर्ल इन येलो बूट'(2011) डिजास्टर रहीं। एवरेज 'गैंग्स ऑफ़ वासेपुर 1'(2012) ने 25.25 करोड़ कमाकर कश्यप की लाज बचाई।
2012 में आई 'गैंग्स ऑफ़ वासेपुर 2' फ्लॉप रही। इसके बाद अनुराग की फ़िल्में 'बॉम्बे टॉकीज' (2013) डिजास्टर, 'अग्ली' (2014) फ्लॉप, 'बॉम्बे वेलवेट' (2015) डिजास्टर रहीं।
अनुराग कश्यप ने आगे 2016 में 'रमन राघव 2.0', 'मैडली', 2018 में 'मुक्काबाज़', 'लस्ट स्टोरीज', 'मनमर्जियां', 2020 में 'घोस्ट स्टोरीज', 'चॉक्ड' के रूप में फ्लॉप की झड़ी लगा दी।
अनुराग कश्यप 2022 में 'दोबारा', 2023 में 'ऑलमोस्ट प्यार विद डीजे मोहब्बत' और 'कनेडी' लेकर आए। लेकिन बदकिस्मती से ये सभी फ़िल्में डिजास्टर साबित हुईं।