बॉलीवुड फिल्मों में रेप सीन होना कोई बड़ी बात नहीं है। लेकिन अगर हम कहें कि एक ऐसी फिल्म भी यहां बनी है, जिसमें 6 से ज्यादा रेप सीन थे तो जाहिरतौर पर आप हैरान रह जाएंगे।
हम जिस फिल्म की बात कर रहे हैं, उसका टाइटल है 'बैंडिट क्वीन', जो 1994 में रिलीज हुई थी। फिल्म का निर्देशन शेखर कपूर ने किया है और सीमा विश्वास ने इसमें मुख्य भूमिका निभाई है।
'बैंडिट क्वीन' डकैत फूलन देवी की बायोपिक है और यह माला सेन की किताब 'इंडियाज बैंडिट क्वीन : द ट्रू स्टोरी ऑफ़ फूलन देवी' पर बेस्ड है। नुसरत फ़तेह अली खान ने फिल्म का संगीत दिया है।
'बैंडिट क्वीन' में फूलन देवी के बाल विवाह से लेकर डकैत बनने और सरेंडर करने तक की कहानी है। फूलन का पहला रेप उसका 20 साल बड़ा पति पुत्तीलाल (आदित्य श्रीवास्तव) ही करता है।
फिल्म में फूलन का ठाकुर के बेटे द्वारा, हिरासत में पुलिसवालों द्वारा, दो बार डकैत द्वारा और फिर ठाकुर श्री राम (गोविंद नामदेव) और उसकी गैंग द्वारा गैंग रेप को शामिल किया गया है।
'बैंडिट क्वीन' में फूलन का ऐसा हैरेसमेंट दिखाया गया कि देखने वालों की रूह कांप जाए। मसलन एक सीन में गांव के ठाकुर फूलन का गैंग रेप कर उसे निर्वस्त्र कुएं से पानी लाने को भेजते हैं।
फूलन देवी ने फिल्म की सत्यता पर सवाल उठाए और इसे बैन करने की मांग की। उन्होंने थिएटर के बाहर आत्मदाह करने तक की धमकी भी दे डाली थी। हालांकि, बाद में उन्होंने आपत्ति वापस ले ली थी।
शेखर कपूर पर लेखिका अरुंधति रॉय ने जीवित महिला के रेप को उसकी अनुमति के बिना दिखाए जाने पर सवाल उठाए थे और उन्होंने फिल्म के रिव्यू को 'The Great Indian Rape Trick' टाइटल दिया था।
'बैंडिट क्वीन' में रेप- हिंसा के सजीव चित्रण के चलते इसे भारत में बैन कर दिया गया था। बाद में कुछ कट्स के साथ सेंसर बोर्ड ने A सटिफिकेट देते हुए इसे रिलीज की अनुमति दी थी।
'बैंडिट क्वीन' को 43वें नेशनल फिल्म अवॉर्ड्स में बेस्ट हिंदी फीचर फिल्म, बेस्ट एक्ट्रेस (सीमा विश्वास) और बेस्ट कॉस्टयूम डिजाइन (डॉली अहलुवालिया) का अवॉर्ड दिया गया था।
'बैंडिट क्वीन' को भारत की ओर से 67वें एकेडमी अवॉर्ड में बेस्ट फॉरेन लैंग्वेज फिल्म की कैटेगरी में भेजा गया था। हालांकि, इस फिल्म को नॉमिनेशन नहीं मिल पाया था।
'बैंडिट क्वीन' में निर्मल पांडे, आदित्य श्रीवास्तव, गजराज राव, सौरभ शुक्ला. मनोज बाजपेयी, रघुवीर यादव, राजेश विवेक, अनिरुद्ध अग्रवाल, गोविंद नामदेव ने भी अहम् भूमिका निभाई है।