बॉलीवुड के बेहतरीन एक्टर और शानदार डांसर भगवान दादा को गुजरे 22 साल हो गए हैं। उनका निधन 4 फरवरी 2002 को हुआ था।
भगवान दादा के पिता टेक्सटाइल मिल में काम करते थे, लेकिन उनको फिल्मों में जाने का जुनून था। इसी सपने को पूरे करने उन्होंने साइलेंट फिल्मों छोटे-छोटे किरदार निभाना शुरू किया।
भगवान दादा ने फिल्म क्रिमिनल से बॉलीवुड में कदम रखा। उन्होंने दिल लगाकर काम किया और लोगों के बीच मशहूर हो गए। उन्हें लगातार फिल्मों के ऑफर मिलने लगे।
भगवान दादा की फिल्में लगातार हिट होने लगी और उनका स्टारडम चरम पर पहुंच गया। उनकी फिल्मों को देखने के लिए लोगों में अलग ही जोश था। उन्होंने करीब 600 फिल्मों में काम किया था।
शोहरत और सफलता मिलने के साथ ही भगवान दादा ने मुंबई के पॉश इलाके में एक बंगला खरीदा, जिसमें करीब 25 कमरे थे। उनके पास उस जमाने में 7 गाड़ियां थी।
फिल्मों में सफलता मिलने के बाद भगवान दादा ने प्रोडक्शन हाउस शुरू किया और फिल्म अलबेला बनाई। फिल्म सुपरहिट रही। इसके बाद फिल्म लबेला-झमेला और सहमे हुए सपने बनाई, जो फ्लॉप हुईं।
भगवान दादा ने किशोर कुमार के साथ मिलकर फिल्म हंसते रहना बनाने का फैसला किया। हालांकि, किशोर कुमार बीच में ही फिल्म छोड़ गए और इससे भगवान दादा को भारी नुकसान हुआ।
फिल्म हंसते रहना में अपना सारा पैसा लगाने वाले भगवान दादा इसी की वजह से कंगाल हो गए। दोस्तों तक ने साथ छोड़ दिया। बंगला-गाड़ी सब बिक गए। उनका आखिरी वक्त चॉल में बीता।