Hindi

वह रेप सीन, जिसे देखने के बाद एक्टर को गोली मार देना चाहते थे लोग!

Hindi

बॉलीवुड का सबसे भयानक रेप सीन

1990 में आई फिल्म 'इंसाफ का तराजू' में एक रेप सीन था, जिसने जमकर बवाल काटा था। यह सीन इतना रियलस्टिक लगा था कि लोग यह सीन देने वाले एक्टर को गोली मार देना चाहते थे।

Image credits: Social Media
Hindi

किस पर फिल्माया गया था इंसाफ का तराजू का रेप सीन

फिल्म 'इंसाफ का तराजू' का रेप सीन राज बब्बर और जीनत अमान पर फिल्माया गया था। फिल्म का निर्देशन बी. आर. चोपड़ा ने किया था। राज बब्बर पहले यह सीन करने झिझक रहे थे।

Image credits: Social Media
Hindi

राज बब्बर को कैसे मिली थी 'इंसाफ का तराजू'

एक इंटरव्यू में राज ने बताया था कि 1977 में आई 'किस्सा कुर्सी का' की रिलीज के बाद वे खाली बैठे थे। बी. आर. चोपड़ा उन्हें 'इंसाफ़ का तराजू' ना देते तो उनका करियर खत्म हो जाता।

Image credits: Social Media
Hindi

रेप सीन करने में हिचकिचा रहे थे राज बब्बर

बकौल राज, "जब बी. आर. चोपड़ा ने कहा कि रेपिस्ट का रोल है तो मैं कुछ हिचकिचाहट हुई। लेकिन यह फिल्म मेरे लिए वरदान साबित हुई। बाद में चोपड़ा साहब के साथ मैंने अपनी कुछ सफल फ़िल्में की।

Image credits: Social Media
Hindi

राज बब्बर के लिए आसान नहीं था रेपिस्ट का रोल करना

राज के मुताबिक़, उनके लिए रेपिस्ट बनना आसान ना था। असल लाइफ में वे महिलाओं पर आवाज़ नहीं उठा सकते, जबकि फिल्म में उन्हें पद्मिनी कोल्हापुरे, जीनत अमान संग सबसे अशोभनीय काम करना था।

Image credits: Social Media
Hindi

राज बब्बर ने किया शारीरिक-भावनात्मक चुनौती का सामना

राज बब्बर के मुताबिक़, 'इंसाफ का तराजू' के दौरान उन्होंने शारीरिक और भावनात्मक दोनों तरह की चुनौतियों का सामना किया। एक सीन था, जिसमें उन्हें जीनत अमान को बुरी तरह रेप करना था।

Image credits: Social Media
Hindi

रेप सीन को छोटा कराना चाहते थे राज बब्बर

राज कहते हैं, "मैं न्यूकमर था और जीनत बड़ी स्टार थीं। मैंने अपने मेंटर बी. आर. चोपड़ा से सीन को छोटा करने को कहा, क्योंकि जीनत संग यह इन करने में मैं नर्वस था।"

Image credits: Social Media
Hindi

रेप सीन के लिए कई बार रिहर्सल की

बकौल राज, "जब जीनत को मेरी नर्वसनेस का पता चला तो उन्होंने चार्ज अपने हाथ में ले लिया। हमने सिर्फ सीन शूट ही नहीं किया, बल्कि इसकी कई बार रिहर्सल भी की थी, ताकि यह रियल लग सके।"

Image credits: Social Media
Hindi

महिला संगठनों ने की थी राज बब्बर की खिंचाई

राज बब्बर के मुताबिक़, 'इंसाफ का तराजू' की रिलीज के बाद महिला संगठनों ने रेपिस्ट की भूमिका निभाने के लिए उनकी खिंचाई की थी। उन्होंने इसे महिलाओं का अपमान बताया।

Image credits: Social Media
Hindi

महिला संगठनों ने फिल्म पर जमकर हमले किए

राज के मुताबिक़, 1980 के दशक में महिला सशक्तिकरण और नारीवाद का कॉन्सेप्ट मीडिया में उभर रहा था। महिला संगठनों ने 'इंसाफ का तराजू' में उनकी मौजूदगी की आलोचना करते हुए उन पर हमले किए।

Image credits: Social Media
Hindi

जस्टिस के समक्ष पहुंचा था 'इंसाफ का तराजू' मामला

राज कहते हैं, "मामला जस्टिस भगवती के पास पहुंचा, जो फिल्म के साथ थे। वे बी. आर. चोपड़ा के दोस्त थे और फिल्म देखने को तैयार हो गए। अगर वे ऐसा ना करते तो हमारी फिल्म का क्या होता?"

Image credits: Social Media
Hindi

जस्टिस भगवती ने अपने फैसले में क्या कहा था?

राज के मुताबिक़, जस्टिस भगवती ने फिल्म देखी और कहा कि यह फिल्म मजबूती से रेप का विरोध करती है। उन्होंने फिल्म के समर्थन में एक पत्र लिखा और हम इसे रिलीज करने में सक्षम हो सके।

Image Credits: Social Media