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जानिए कौन थे सैम मानेकशॉ, जिन्होंने 1971 में पाकिस्तान को चटाई थी धूल

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सैम मानेकशॉ की लाइफ पर बेस्ड है फिल्म

विक्की कौशल की मोस्ट अवेटेड बायोपिक फिल्म 'सैम मानेकशॉ' का ट्रेलर रिलीज हो गया है। ये फिल्म भारत के सबसे महान युद्ध नायकों में से एक फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ की लाइफ पर बेस्ड है।

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नाराज होकर ज्वाइन की थी इंडियन आर्मी

सैम मानेकशॉ का जन्म अमृतसर में हुआ था। सैम इंग्लैंड जाकर डॉक्टर की पढ़ाई करना चाहते थे, लेकिन उनके पिता नहीं माने। ऐसे में उन्होंने पिता से नाराज होकर आर्मी ज्वाइन कर लिया।

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सैम ने इंदिरा जी को दिया था ऐसा जवाब

यहां तक की सैम मानेकशॉ की एक बात बहुत फेमस हुई थी। जब साल 1971 में इंदिरा गांधी ने सैम से लड़ाई के लिए तैयार रहने पर सवाल किया, तो उन्होंने कहा, 'आई एम ऑलवेज रेडी, स्वीटी।'

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सैम ने पाकिस्तान को चटाई थी धूल

1971 की जंग में पाकिस्तान को हराने और नया मुल्क बांग्लादेश बनाने का पूरा श्रेय सिर्फ सैम मानेकशॉ को ही जाता है। इसी जंग में पाकिस्तान के 90 हजार सैनिकों ने आत्मसमर्पण भी किया।

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सैम मानेकशॉ को मिले कई सम्मान

सैम मानेकशॉ के करियर में 4 दशक और 5 लड़ाइयों शामिल हैं। सैम मानेकशॉ को कई सम्मान प्राप्त हुए। 1973 में उन्हें फील्ड मार्शल की उपाधि से नवाजा गया।

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सैम को मिला था पद्म विभूषण

वह इस पद से सम्मानित होने वाले पहले भारतीय जनरल थे। फिर भारत सरकार ने उन्हें पद्म विभूषण से भी सम्मानित किया। 1973 में सेना प्रमुख के पद से रिटायर होने के बाद वे वेलिंगटन चले गए।

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ऐसे हुआ था सैम मानेकशॉ का निधन

फिर वहां जाकर उन्हें उम्र संबंधित बीमारी हो गई और वो कोमा में चले गए। फिर 27 जून 2008 वेलिंगटन में ही उनकी मौत हो गई थी।

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