हर डॉगी का डे आता है....सौरभ शुक्ला के 10 धांसू डायलॉग
दिग्गज एक्टर-कॉमेडियन सौरभ शुक्ला 62 साल के हो गए हैं। 5 मार्च 1963 को गोरखपुर में पैदा हुए सौरभ फिल्मों में शानदार डायलॉग डिलीवरी के लिए मशहूर हैं। पढ़ें उनके 10 धांसू डायलॉग...
Bollywood Mar 05 2025
Author: Gagan Gurjar Image Credits:Social Media
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Saurabh Shukla Dialogue No. 1
इस घर में कोई सरकारी अफसर मच्छर मारने नहीं आ सकता...तुम रेड मारने आए हो।
फिल्म - रेड
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Saurabh Shukla Dialogue No. 2
जैसे हर कोक कोला नहीं होता...जैसे हर चना छोला नहीं होता...वैसे ही हर मासूम दिखने वाला भोला नहीं होता।
फिल्म - मैं तेरा हीरो
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Saurabh Shukla Dialogue No. 3
जैसे जून से पहले मई आता है....जैसे पांच के बाद छह आता है...वैसे ही हर डॉगी का डे आता है।
फिल्म - मैं तेरा हीरो
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Saurabh Shukla Dialogue No. 4
दवाई और शादी में बड़ी सिमिलैरिटी होती है...दोनों अगर टाइम पे ना मिले ना तो बहुत मुश्किल हो जाती है।
फिल्म - किक
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Saurabh Shukla Dialogue No. 5
सबसे खूबसूरत झूठ वही लोग बोलते हैं, जो हमेशा सच बोलते हैं।
फिल्म -तड़प
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Saurabh Shukla Dialogue No. 6
क़ानून अंधा होता है...जज नहीं।
फिल्म - जॉली एलएलबी
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Saurabh Shukla Dialogue No. 7
अगर मैं शराब होता...बर्फ, सोड़ा, ठंडा पानी, मैं सबका खास होता...ग़म में चाहे ख़ुशी में, मैं ही सबसे पास होता।
फिल्म- तड़प
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Saurabh Shukla Dialogue No. 8
इश्क और बुलेट में खास फर्क नहीं होता भाई...दोनों ही निकलते हैं छाती फाड़ने के लिए।
फिल्म - ये साली जिंदगी
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Saurabh Shukla Dialogue No. 9
औरत न...साली जब चुड़ैल निकलती है ना...आदमी का गोबर कर देती है।