वामिका इन दिनों अपनी वेब सीरीज 'जुबली' के प्रमोशन में व्यस्त हैं, जिसका एक डायलॉग ‘फिल्म बनाने के लिए लिए किसी ना किसी के साथ सोना पड़ता है। या शरीर से या ईमान से।’ चर्चा में है।
वामिका के डायलॉग को लोग कास्टिंग काउच से जोड़कर देख रहे हैं। एक न्यूज वेबसाइट से बातचीत में वामिका ने कहा कि कास्टिंग काउच सिर्फ फिल्म ही नहीं, हर इंडस्ट्री में मौजूद है।
वामिका ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा कि यह ऐसा कड़वा सच है जिसका सामना सिर्फ महिलाएं ही नहीं करती हैं। हालांकि, उनकी मानें तो उन्होंने ऐसी किसी घटना का सामना नहीं किया है।
वामिका कहती हैं, "मैं एक सुरक्षित वातावरण में बड़ी हुई हूं, मुझे हमेशा पापा का सपोर्ट मिला। मेरा इंडस्ट्री में कोई कनेक्शन नहीं है। पापा मुझे खुश्किसम्त मानते हैं कि अच्छा काम मिला।
बकौल वालिका, "ईमानदारी से कहूं तो जब इन सब चीजों के बारे में सुनती हूं तो सोचती हूं कि मेरे साथ ऐसा होता तो मैंने कैसे रिएक्ट करती। महिला के तौर पर आप हमेशा इस बारे में सोचते हैं।"
वामिका कहती हैं, "कास्टिंग काउच हर इंडस्ट्री में है, लेकिन किसी को इसकी भनक तक नहीं लगती है। मैं अपनी कॉर्पोरेंट दोस्तों को जानती हूं, जो इस सिचुएशन से गुजरे हैं।"
वामिका कहती हैं, "बॉलीवुड ऐसे ही बदनाम है। जबर्दस्ती कोई सो नहीं सकता।" यानी कि वामिका की मानें तो कोई भी किसी को इस तरह मजबूर नहीं कर सकता है।
वामिका ने 2010 में करीना कपूर और शाहिद कपूर स्टारर फिल्म 'जब वी मेट' से बॉलीवुड डेब्यू किया था। वे 'लव आज कल', 'मौसम', 'सिक्सटीन' और '83' जैसी फिल्मों में भी दिख चुकी हैं।
29 साल की वामिका मूलरूप से चंडीगढ़ की रहने वाली हैं। उनके पिता गोवर्धन गब्बी पंजाबी और हिंदी भाषा के राइटर और ऑथर हैं।
गब्बी को हिंदी भाषा के अलावा पंजाबी, तमिल, तेलुगु और मलयालम भाषा की फिल्मों के लिए भी जाना जाता है। उनकी आने वाली फिल्मों में 'खूफिया' और 'काली जोट्टा' शामिल हैं।