प्रभास स्टारर 'कल्कि 2898 AD' बेहद धीमी रफ़्तार से आगे बढ़ती है। अगर फिल्म के क्लाइमैक्स को छोड़ दिया जाए तो कई जगह तो यह इतनी उबाऊ है कि नींद आने लगती है।
'Kalki 2898 AD' में प्रभास की एंट्री बेहद फीकी है। उनके चाहने वाले जिस तरह की एंट्री की उम्मीद उनसे करते हैं, उस तरह की एंट्री इस फिल्म में दिखाई नहीं देती है।
'कल्कि 2898 AD' वैसे तो साइंस-फिक्शन एक्शन ड्रामा है। लेकिन इसमें प्रभास के ऊपर कुछ कॉमिक पंच भी डाले गए हैं। हालांकि, ये इतने दमदार नहीं हैं कि लोगों को हंसी आ सके।
मेकर्स दीपिका पादुकोण के ना तो ग्लैमर का इस्तेमाल कर सके और ना ही उनकी एक्शन इमेंज का। 'पठान', 'जवान' और 'फाइटर' में उन्हें एक्शन करते देखने के बाद इस फिल्म में वे निराश करती हैं।
'Kalki 2898 AD' में दिशा पाटनी का इस्तेमाल शो पीस की तरह किया गया है। वे कुछ मिनट के लिए दिखती हैं। लेकिन उनके किरदार का आगे क्या हुआ, यह फिल्म में नहीं दिखाया गया।
पुराणों के अनुसार, भगवान विष्णु कलयुग में कल्कि अवतार लेंगे। लेकिन फिल्म की मानें तो यह अवतार लैब में एक बिन ब्याही लड़की के गर्भ में एक्सपेरिमेंट करने से होगा,जो कि समझ से परे है।
फिल्म के एक सीन में भैरव (प्रभास) अश्वत्थामा (अमिताभ बच्च्चन) से उनका ही रूप रख के फाइट करते हैं। सोचने वाली बात यह है कि क्या कलयुग के चरम पर किसी के पास इतनी ताकत आ जाएगी?