श्रीनगर की 33 वर्षीय डॉ. रुखसार पीएचडी होल्डर हैं। उन्होंने खालिस फूड्स की स्थापना की है, जो बच्चों के लिए पौष्टिक स्नैक्स बनाता है। वे फूड प्रोसेसिंग को बिजनेस बनाना चाहती हैं।
मेघालय की नाम्बी स्कूल की प्रिंसिपल हैं, नम्बी को बचपन से ही खाना पकाने का शौक था । वह पूर्वोत्तर स्टेट के व्यंजनों को वैश्विक मंच पर लाने की इच्छा रखती हैं।
बेंगलुरु के 58 साल के हरीश एक सिविल इंजीनियर थे, उन्होंने सिंगापुर में पाक कला में हाथ आज़माया था । हरीश ने सबसे पहले बेटी के लिए लंच बॉक्स बनाया था ।
कौशल्या चौधरी की शादी कम उम्र में हो गई थी, लेकिन खाना पकाने के जुनून की वजह से उन्होंने सीधी मारवाड़ी नाम से अपना पॉप्युलर यूट्यूब चैनल बनाया, जिसके अब 1.3 मिलियन फॉलोअर्स हैं।
बेंगलुरु के केनेथ सिर्फ 18 साल के हैं। उन्होंने 6 साल की छोटी सी उम्र में रोटी और पूरी बनाने सीख लिया था । केनेथ खाना पकाने के लिए बेहद जुनूनी हैं।
गोबिंदगढ़ की 23 वर्षीय कृति धीमन ने अपनी कला यात्रा 5वीं कक्षा से शुरू की थी । लॉकडाउन के दौरान, रसोई में उनका जुनून बढ़ा, उन्होंने फैमिली में ही फूड कॉम्पीटिशन शुरु किया ।
मैंगलोर के एक 24 वर्षीय मोहम्मद आशिक को स्कूल के दिनों से ही खाना पकाने का शौक रहा है। उन्होंने एक जूस स्टाल शुरू करके अपनी पाक यात्रा शुरू की। वे टीवी कुकिंग शो जीत चुकी हैं।
हिमाचल प्रदेश के सोलन की 35 वर्षीय निधि हायर एजुकेटेड हैं। उन्होंने एचआर और मार्केटिंग में बीबीए की डिग्री और एमबीए की डिग्री हासिल की है।
प्राची अगरकर ( Prachi Agarkar ) प्रोफेसर और कंटेंट क्रिएटर हैं। प्राची ने , कुकबुक और कुकिंग शो के फूड के साथ एक्सपेरिमेंट किया है ।
कोलकाता की 57 वर्षीय पॉप-अप शेफ सिमा का मास्टरशेफ इंडिया में पार्टीसिपेट करना का सपना रहा है। शादी के बाद पाक कला को लेकर जुनून जागा था ।
कोलकाता के 29 वर्षीय सुभोजित मास्टरशेफ इंडिया में सिलेक्ट हुए हैं। नूडल्स बनते हुए देखा, इससे उन्हें खाना पकाने का शौक हो गया, उन्होंने थर्मल इंजीनियरिंग में की डिग्री हासिल की है।
कोलकाता के 28 वर्षीय सूरज थापा बीएससी ग्रेजुएट है । सिलीगुड़ी के एक छोटे से कमरे से खाना पकाने की शुरुआत की। मां और यूट्यूब से व्यंजन बनाना सीखा।