ग्रेट फिल्म डायरेक्टर ‘सत्यजीत रे’ ने भारतीय सिनेमा के इतिहास में सबसे ज्यादा बार नेशनल अवार्ड जीता है। उन्हें क्रिटिक्स का भी बहुत सम्मान मिला है।
1992 में आस्कर पुरस्कार और भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न से सम्मानित सत्यजीत रे ने कुल 36 राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीते हैं, जिनमें से छह बेस्ट डायरेक्ट का है।
रे ने 1967 में चिरियाखाना के लिए बेस्ट डायरेक्शन का पहला नेशनल अवार्ड जीता था। 968 में गूपी गाइन बाघा बाइन में एक बार फिर उन्हें राष्ट्रीय पुरुस्कार दिया गया था।
1970 में, सत्यजीत रे ने प्रतिद्वंदी ( Pratidwandi ) के लिए बेस्ट डायरेक्टर के रूप में अपना तीसरा राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीता था।
सत्यजीत रे ने चौंथी और पांचवी बार 1974 और 1975 में सोनार केला और जन अरन्या के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार जीता था।
साल 1991 में, उन्हें अपनी आखिरी फिल्म आगंतुक के लिए छठीं बार बेस्ट डायरेक्टर का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला था । रे के ये सभी पुरस्कार उनकी बंगाली फिल्मों के लिए मिला है।
फिल्म मेकर सत्यजीत रे ने अपने करियर में सबसे ज्यादा बार बेस्ट डायरेक्शन के लिए नेशनल फिल्म पुरस्कार जीता है, जो किसी भी भारतीय निर्देशक द्वारा सबसे अधिक है।
यह आश्चर्य की बात है कि सत्यजीत रे के मुकाबले मणिरत्नम, एसएस राजामौली ने अभी तक राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में बेस्ट डायरेक्टर का पुरस्कार नहीं जीता है।
श्याम बेनेगल ने 1985 में अपनी फिल्म त्रिकाल के लिए नेशनल अवार्ड जीता था। मधुर भंडारकर, हंसल मेहता और संजय लीला भंसाली को भी बेस्ट डायरेक्शन के लिए नेशनल अवार्ड मिल चुका है।