हिंदी फिल्मों के दिग्ग्गज स्टार फिरोज खान 27 अप्रैल 2009 को दुनिया को अलविदा कह गए थे। उनका निधन लंग कैंसर से हुआ था। उन्हें गुजरे हुए 15 साल का वक्त बीत चुका है।
फिरोज खान अपनी बेबाकी के लिए मशहूर थे और इसी बेबाकी के चलते उन्होंने पाकिस्तान की भरी महफिल में उसी के खिलाफ ऐसा कुछ बोल दिया था, जिसके चलते उन पर बैन लग गया था।
बात 2006 की है। फ़िरोज़ खान अपने भाई अकबर खान की फिल्म 'ताज महल' के प्रमोशन के लिए पाकिस्तान के लाहौर में थे। महफिल जमी हुई थी और इसी महफ़िल में उन्होंने भारत की खूब तारीफ़ की।
लाहौर में एक प्रमोशनल इवेंट में फिरोज खान ने भारत को सेकुलर देश बताया और कहा कि वहां के मुस्लिम तरक्की कर रहे हैं। भारत का राष्ट्रपति मुस्लिम है और प्रधानमंत्री सिख।"
फ़िरोज़ ने कहा था कि इस्लाम के नाम पर बने पाकिस्तान में मुसलमानों की हालत बदतर है। वे आपस में ही लड़ रहे हैं। लेकिन असली बात तब बिगड़ी जब एंकर ने मनीषा कोइराला पर आपत्तिजनक कमेंट किया।
इवेंट में मौजूद पाकिस्तानी एंकर फख्र-ए-आलम ने 'ताज महल' की एक्ट्रेस मनीषा कोइराला पर आपत्तिजनक कमेंट किया और कहा- आप डर से कांप रही हैं..इसलिए मैं आपसे कुछ नहीं पूछूंगा।
मनीषा कोइराला पर कमेंट सुन उनकी बगल में बठे फ़िरोज़ खान भड़क गए और उन्होंने एंकर को चेतावनी दी थी कि अगर उसने तुरंत माफ़ी नहीं मांगी तो उसे लेने के देने पड़ जाएंगे।
फ़िरोज़ ने आगे कहा कि पाकिस्तान वे मर्जी से नहीं गए थे, उन्हें बुलाया गया था। उन्होंने कहा था कि भारत की फ़िल्में पावरफुल होती हैं, जिन्हें पाकिस्तान ज्यादा दिन बैन नहीं कर सकता।
फ़िरोज़ खान के बयान के बाद उनके डेलिगेशन में मौजूद महेश भट्ट और अन्य लोगों ने उनकी ओर से पाकिस्तानी आवाम से माफ़ी मांगी थी। इनमें शत्रुघ्न सिन्हा समेत कई लोग शामिल थे।
फ़िरोज़ का बयान पाकिस्तान को इतना नागवार गुजरा कि उसने उनकी मुल्क में एंट्री पर बैन लगा दिया था। तत्कालीन पाक राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने फ़िरोज़ को वीजा ना देने के आदेश दे दिए थे।
इस घटना के तीन साल बाद यानी अप्रैल 2009 में फ़िरोज़ खान का निधन हो गया। उस वक्त उनका बेंगलुरु में लंग कैंसर का इलाज चल रहा था।