साउथ इंडियन फिल्म इंडस्ट्री की एक ऐसी बदनाम कहानी, जिसे पढ़कर आप ना सिर्फ हैरत करेंगे, बल्कि गुस्से भी भर जाएंगे। आइए आपको बताते हैं कि आखिर क्या है यह बदनाम कहानी...
यह कहानी साउथ की एक एक्ट्रेस की है, जिसने तमिल और मलयालम फिल्मों में काम किया था। इस एक्ट्रेस को कन्नड़ और तेलुगु फिल्मों में देखा गया था। इस एक्ट्रेस का नाम था निशा नूर।
निशा नूर 80 के दशक में मशहूर एक्ट्रेस थीं। उन्होंने बालाचंद्रन, विशु और चन्द्रशेखर जैसे दिग्गज डायरेक्टर्स और रजनीकांत, कमल हासन जैसे सुपरस्टार्स के साथ काम किया था।
1995 में काम मिलना बंद हुआ तो एक प्रोड्यूसर की सलाह पर निशा देह व्यापार के धंधे में कूद गईं। इसके बाद वे इंडस्ट्री से गायब हो गईं और 12 साल गुमनामी में जीती रहीं।
प्रॉस्टिट्यूट बनने के बाद निशा जैसे गुमनाम हो गईं। लगभग 12 साल तक ना वे घरवालों से मिलीं और ना ही फिल्म इंडस्ट्री को उनकी कोई खबर थी।
सालों बाद एक दरगाह के बाहर निशा सड़क पर पड़ी मिलीं, जहां रफीक नाम का शख्स उन्हें छोड़ गया था। उनका कंकाल बन चुका था और उनके ऊपर चींटियां कीड़े रेंग रहे थे।
तमिल NGO मुस्लिम मुनेट्टा कड़गम ने निशा नूर को दरगाह के बाहर देखा तो पुलिस को सूचना दी गई। निशा को अस्पताल ले जाया गया, जहां पता चला कि उन्हें AIDS हो गया था।
बताया जाता है कि अंतिम वक्त इतनी बुरी हालत में काटने वाली निशा नूर खुद भी नहीं जानती थीं कि उन्हें AIDS था। 2007 में अस्पताल के बेड पर पड़े-पड़े उनका इंतकाल हो गया।
निशा नूर के निधन के बाद उनके परिवार को खबर दी गई। लेकिन उनकी बॉडी लेने नहीं पहुंचा। बाद में NGO ने ही उन्हें सुपुर्द-ए-ख़ाक कर दिया।