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वेब सीरीज से कमाई के 10 तरीके, जानिए OTT पर कैसे बटोरती हैं करोड़ों?

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OTT सब्सक्रिप्शन

नेटफ्लिक्स, अमेजन प्राइम वीडियो जैसे लगभग सभी बड़े प्लेटफॉर्म सब्सक्रिप्शन मॉडल पर चलते हैं। दर्शक इन्हें मंथली फीस देते हैं और OTT प्लेटफॉर्म्स कंटेंट क्रिएटर्स को भुगतान करते हैं।

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एडवरटाइजिंग यानी विज्ञापन

यूट्यूब, पीकॉक, टयूबी जैसे प्लेटफॉर्म्स एडवरटाइजिंग मॉडल पर चलते हैं। क्रिएटर्स अपने कंटेंट को मोनेटाइज करते हैं और इस पर दिखाए विज्ञापनों से हुई इनकम में हिस्सेदार बनते हैं।

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रेंटल

इसके तहत फिल्म, वेब सीरीज के निर्माता OTT पर  प्रोडक्ट ले जाते हैं। लेकिन इसके लिए वे सबस्क्राइबर्स से एक निश्चित राशि लेते हैं, जिसका हिस्सा क्रिएटर्स और OTT दोनों को मिलता है ।

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स्पॉन्सरशिप

इस मॉडल के तहत मार्केट में उपलब्ध ब्रांड्स वेब सीरीज को स्पॉन्सर करते हैं। इससे वेब सीरीज की कमाई होती है।

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प्रोडक्ट प्लेसमेंट

यह ऐसा मॉडल है, जिसमें ब्रांड्स अपने प्रोडक्ट्स को प्रमोशन के नजरिए से वेब सीरीज के अंदर दिखाने के लिए पैसे देते हैं। यह वेब शोज की कमाई का बड़ा ज़रिया है।

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मर्चेंटाइजिंग

यह वेब सीरीज के रेवेन्यू का एक मॉडल है। इसके तहत सक्सेसफुल वेब सीरीज के मेकर्स इसमें इस्तेमाल हुए कपड़े व अन्य सामान बेचते हैं और उससे उनकी आय होती है।

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लाइसेंसिंग

इस मॉडल के तहत क्रिएटर अपने कंटेंट को OTT के अलावा अन्य प्लेटफॉर्म्स और डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क को इसे चलाने की अनुमति देते हैं और इसके लिए एक फिक्स अमाउंट चार्ज करते हैं।

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DVD और ब्लू रे सेल

डिजिटल के ज़माने में यह मॉडल कॉमन नहीं है। लेकिन कुछ ऐसे क्रिएटर्स होते हैं, जो अपने डेडिकेटेड फैन्स के लिए अपनी सीरीज की फिजिकल कॉपी उपलब्ध कराते हैं और उसके लिए पैसा लेते हैं।

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इंटरनेशनल डिस्ट्रीब्यूशन

वेब सीरीज को अपने देश में चलाने के साथ-साथ क्रिएटर्स इसे इंटरनेशनल मार्केट में भी ले जाते हैं। इसके लिए उन्हें राइट्स का अलग से पैसा मिलता है।

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क्राउड फंडिंग

कुछ क्रिएटर Patreon, किकस्टार्टर जैसे प्लेटफॉर्म्स के जरिए फैन्स से चंदा इकट्ठा करते हैं। इससे दो फायदे होते हैं। पैसा आता है और लोगों के इंटरेस्ट के बारे में पता भी चल जाता है।

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