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TV के राम अरुण गोविल बन गए थे कांग्रेसी, पर इस वजह से नहीं लड़े चुनाव

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चुनाव प्रचार में व्यस्त अरुण गोविल

टीवी शो 'रामायण' के राम अरुण गोविल इन दिनों चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं। वे उत्तर प्रदेश की मेरठ लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं।

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इसी साल भाजपा में शामिल हुए अरुण गोविल

अरुण गोविल ने इसी साल भारतीय जनता पार्टी का दामन थामा है और इसी साल उन्हें बीजेपी ने मेरठ लोकसभा सीट से प्रत्याशी बना दिया है।

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कभी कांग्रेस में शामिल हो गए थे अरुण गोविल

रिपोर्ट्स की मानें तो एक वक्त था, जब अरुण गोविल कांग्रेस में शामिल हो गए थे। उनके चुनाव में खड़े होने की संभावनाएं भी जताई जा रही थीं। लेकिन वे चुनाव लड़ नहीं सके।

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अरुण गोविल ने कब थामा था कांग्रेस का दामन

1988 में इंडिया टुडे में एक रिपोर्ट छपी थी, जिसमें दवा किया गया था कि राजीव गांधी ने टीवी के राम अरुण गोविल को कांग्रेस पार्टी में शामिल कर लिया है।

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इंदौर से अरुण गोविल को मिल रहा था टिकट!

इसी तरह TOI की एक रिपोर्ट में दावा किया गया कि कांग्रेस अरुण गोविल को मध्य प्रदेश की इंदौर सीट से लोकसभा चुनाव लड़ाना चाहती थी। लेकिन वे इसके लिए तैयार नही हुए।

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आखिर क्यों कांग्रेस से चुनाव नहीं लड़े अरुण गोविल?

रिपोर्ट में बताया गया है कि अरुण गोविल अपनी राम वाली छवि को लेकर बेहद सचेत थे। यही वजह है कि उन्होंने कांग्रेस की टिकट की पेशकश ठुकरा दी थी।

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तो राम और सीता अलग-अलग पार्टी से चुनाव लड़ रहे होते!

अगर अरुण कांग्रेस का मान लेते थे तो राम यानी खुद अरुण और सीता यानी दीपिका चिखलिया अलग-अलग पार्टी से चुनाव लड़ रहे थे। दीपिका ने 1991 में BJP के टिकट पर वडोदरा चुनाव सीता था।

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असल लाइफ में भी विपक्षी होते राम और रावण!

रामायण के रावण यानी अरविंद त्रिवेदी ने 1991 में गुजरात के सांवरकाठा से BJP के टिकट पर चुनाव जीता था। अगर अरुण कांग्रेस से चुनाव लड़ते तो वे और अरविंद असल लाइफ में भी विपक्षी होते।

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