पीसीओएस यानी पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम की समस्या होने के कारण महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन फीमेल हार्मोन से ज्यादा एंड्रोजन मेल हार्मोन बनने लगते हैं। जानें इसके लिए 3 योगासन।
सेतु बंधासन के लिए ग्लूट्स, कोर और क्वाड्रिसेप मसल्स को एंगेज करते हुए, लोअर बैक को जितना हो सके ऊपर उठाएं। ब्रिज पोज कोर के आस-पास वजन कम करके पेल्विक मसल्स को मजबूत करता है।
भुजंगासन करते समय गहरी सांस लेते रहें और फिर धीरे-धीरे सांस छोड़ें। शुरू में इस आसन को 30 सेकंड तक करें। इसके बाद धीरे-धीरे आप समयावधि एक मिनट तक बढ़ा सकते हैं।
इससे एसिडिटी से छुटकारा मिलता हैं। चिंता, तनाव, कमर और पीठ का दर्द गायब कर पेट पर जमी चर्बी और मोटापा दूर कर PCOS में असरदार है। शरीर को सुडौल, मजबूर और लचीला बनाता हैं।
मार्जरीआसन, रीढ़ की हड्डी को पूरी तरह से फैलाने में मदद करता है। यह पाचन के लिए भी कई लाभ प्रदान करता है, सुनने की क्षमता बढ़ाता है और सांस लेने की समस्याओं को कम कर सकता है।
इसका अभ्यास सुबह या शाम करने का प्रयास करें जब आपका शरीर और दिमाग ज्यादा शांत हो। चक्रासन आपके हाथ, पैर और पेट की मांसपेशियों को सक्रिय करता है।