Hindi

रीढ़ की हड्डी को जवान बना देंगे 7 योगासन, सिर्फ माननी होगी एक शर्त!

Hindi

हलासन

हलासन को करने से कब्ज, बदहज मी और पेट संबंधी सभी प्रकार की बीमारियों से छुटकारा मिलता है। पाचन क्रिया की मजबूती के साथ-साथ रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है। 

Image credits: pexels
Hindi

धनुरासन

यह आसन डिप्रेशन के लक्षण को कम करने में फायदेमंद रहता है। पीठ की मांसपेशियो को मजबूत करने में प्रभावी होता है और रीढ़ को लचीला बनाता है।

Image credits: pexels
Hindi

सेतुबंधासन

छाती, गर्दन, और रीढ़ की हड्डी में खिचाव लाता है। मस्तिष्क को शांत करता है और तनाव व हल्के अवसाद को कम करने में मदद करता है। साथ ही पाचन में सुधार लाता है।

Image credits: pexels
Hindi

भुजंगासन

यह आसान रीढ़ की हड्डी को मजबूत करता है। छाती और फेफड़ों, कंधों और पेट की मांसपेशियों को फैलाता है। साथ तनाव और थकान को दूर करने में मदद करता है। 

Image credits: pexels
Hindi

त्रिकोणासन

यह आसन करने से गर्दन, पीठ, कमर और पैर के स्नायु मजबूत होते हैं। शरीर का संतुलन ठीक होता हैं। साथ ही इससे एसिडिटी से छुटकारा मिलता है।

Image credits: pexels
Hindi

पश्चिमोत्तानासन

सही तरीके के साथ नियमित रूप से पश्चिमोत्तानासन करने से आपकी रीढ़ संबंधी सभी समस्याएं दूर होती हैं। ये मस्तिष्क शांत और मानसिक समस्याएं कम करता है।

Image credits: pexels
Hindi

मार्जरी आसान

यह आसन रीढ़ और गर्दन को मजबूत बनाने और स्ट्रेचिंग में सहायक है। कूल्हों, पेट और पीठ को स्ट्रेच करता है। साथ ही शारीरिक-मानसिक समन्वय बढ़ाता है।

Image credits: pexels
Hindi

चक्रासन

इससे हाथ, पैर, रीढ़ की हड्डी, पेट की मसल्स मजबूत आती है। सीने की मांसपेशी खुल जाती है व कंधों को स्ट्रेच मिलता है। हिप फ्लेक्सर और ग्लूट मजबूत बनती है।

Image Credits: pexels