दिवाली के दौरान जयपुर सजावट और सांस्कृतिक कार्यक्रमों से जीवंत हो उठता है। बाजार हस्तशिल्प से भरे रहते हैं और शहर की रोशनी वाली वास्तुकला वास्तव में अद्भुत है।
यहां की दिवाली एक अनोखा अनुभव है। गंगा नदी के किनारे के घाटों को हजारों दीपकों से खूबसूरती से जलाया जाता है और भव्य गंगा आरती देखने लायक होती है।
दिवाली काली पूजा के उत्सव के साथ मेल खाती है, जो देवी काली को समर्पित त्योहार है। शहर को रोशनी से सजाते हैं। यहां विस्तृत जुलूस और अनुष्ठान किए जाते हैं।
दिवाली के दौरान अमृतसर में स्वर्ण मंदिर का नजारा देखने लायक होता है। पूरे परिसर को खूबसूरती से सजाते हैं, जिससे एक शांत और आध्यात्मिक वातावरण बनता है।
दिवाली के दौरान मैसूर पैलेस का भव्य नजारा दिखता है, जो हजारों बल्बों से जगमगाता है। शहर कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों की मेजबानी करता है और स्थानीय बाजार में उत्सव सेलिब्रेट होता है।
दिवाली के दौरान उदयपुर एक जादुई वंडरलैंड में बदल जाता है। झीलों, महलों और मंदिरों को खूबसूरती से जगमगाया जाता है, जिससे परी-कथा जैसा माहौल बनता है।
गोवा में दिवाली पारंपरिक उत्सवों और जीवंत भावना का एक अनूठा मिश्रण है। समुद्र तटों, चर्चों और बाजारों को सजाया जाता है और विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं।