पारिजात के फूलों यानि हरसिंगार जिस भी घर-आंगन में होता है वहां हमेशा शांति-समृद्धि बनी रहती है। इसके फूल तनाव हटाकर खुशियां और आर्थिक स्थिति सुधारने की क्षमता होते है।
कनेर की तीन सफेद, लाल कनेर और तीसरी पीले कनेर होती हैं। कनेर के पौधे को देवी लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है। देवी लक्ष्मी को सफेद कनेर के फूल चढ़ाना शुभ होता है।
लक्ष्मणा को घर में किसी भी बड़े गमले में इसे उगाया जा सकता है। कहते हैं कि जिस किसी के भी घर में सफेद पलाश और लक्षमणा का पौधा होता है वहां धनवर्षा होना शुरू हो जाती है।
श्वेतार्क दूधवाला पौधा होता है, जो गणपति का प्रतीक है। वास्तु अनुसार दूध से युक्त पौधों का घर की सीमा में होना अशुभ होता है किंतु श्वेतार्क से घर में सदैव बरकत बनी रहती है।
मान्यता है कि इस पौधे को लगाने से यह धन को आकर्षित करता है। फेंगशुई अनुसार क्रासुला अच्छी-ऊर्जा की तरह धन को भी घर की ओर खींचता है।
यह पौधा धनलक्ष्मी को आकर्षित करने में सक्षम माना जाता है। इतना ही नहीं सफेद और नीले दोनों प्रकार की अपराजिता कई औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं।
रजनीगंधा की तीन किस्में होती है। इसका सुगंधित तेल और इत्र भी बनता है। इसके कई औषधीय गुण भी है।
तुलसी को माता लक्ष्मी का दूसरा रूप माना गया है। तुलसी सभी तरह के रोगाणु को घर में आने से पहले ही नष्ट कर देती है। यह घर में सुख, शांति और समृद्धि का विकास करती है।