दीवाली का त्योहार आने को है। रोशनी के इस पर्व के दिन बहुत से लोग पटाखें फोड़ना पसंद करते हैं। बच्चों को खासतौर पर इसका बेसब्री से इंतजार रहता है।
अगर आप भी पटाखें फोड़ने की तैयारी कर रहे हैं तो सुरक्षा का बेहद खयाल रखें। परिवार के बच्चे पटाखे चला रहे हों तो उनपर कड़ी नजर रखें।
आतिशबाजी के समय आंखों में चोट लगने का डर अधिक रहता है। पटाखे से निकलने वाला धुआं आंखों में जलन पैदा कर सकता है। बोतल रॉकेट से बचें। इसे सबसे जोखिम भरा पटाखा माना जाता है।
जलते पटाखों से सुरक्षित दूरी बनाए रखें। आंखों की सुरक्षा के लिए चश्मा पहनें। पटाखे फोड़ते समय कॉन्टैक्ट लेंस न पहनें।
पटाखे लाइसेंसधारी डीलर से ही खरीदें। इन्हें फोड़ते समय रेत से भरी बाल्टी या अग्निशामक यंत्र साथ रखें। यह तय कर लें कि आसपास कोई ज्वलनशील पदार्थ न हो।
इस्तेमाल किए गए पटाखों को पानी की बाल्टी में फेंक दें। पटाखे सुरक्षित क्षेत्रों में फोड़ें। अधिक भीड़भाड़ वाली जगह पर पटाखे नहीं चलाएं।
बच्चों को अकेले पटाखों फोड़ने नहीं दें। इस दौरान सिंथेटिक या ढीले कपड़े नहीं पहनें। मोटे सूती कपड़े सबसे अच्छे होते हैं। अगर आंख में चोट लगे तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं।
पटाखे हाथ में लेकर न जलाएं। इन्हें खुले मैदान में सीधे ऊपर की ओर करके जलाना चाहिए। पटाखों को जलते हुए दीये या अगरबत्ती के पास न रखें।