नई सैंडल पहनने से पहले उन्हें घर में कुछ घंटे पहनकर चलें। इससे वे आपके पैरों के अनुसार थोड़ी लूज हो जाएंगी और फ्रिक्शन कम होगा।
पेट्रोलियम जेली या वैसलीन का इस्तेमाल करें। स्ट्रैप्स के नीचे या एड़ियों पर पेट्रोलियम जेली लगाएं। यह त्वचा और सैंडल के बीच स्लिपिंग इफेक्ट पैदा करेगा, जिससे छाले नहीं पड़ेंगे।
पैरों के उन हिस्सों पर जहां अक्सर छाले पड़ते हैं, वहां पहले से ही बैंडेज या मेडिकल टेप लगा लें। इससे आपकी त्वचा सीधे सैंडल के संपर्क में नहीं आएगी। इससे आपको छालों से राहत मिलेगी।
बाजार में एंटी-फ्रिक्शन स्टिक्स मिलती हैं, जो घर्षण को कम करने में मदद करती हैं। ये स्टिक्स सैंडल और पैरों के बीच होने वाले फ्रिक्शन को रोकती हैं। यह पैरों को आरामदायक बनाए रखेगी।
टैल्कम पाउडर पैरों से नमी को सोखता है और घर्षण को कम करता है, जिससे छालों से बचाव होता है। पैरों पर हल्का टैल्कम पाउडर छिड़क लें और फिर सैंडल पहनें। यह नमी को नियंत्रित करेगा।
अगर सैंडल के स्ट्रैप्स या तलों में कुशनिंग नहीं है, तो आप स्पेशल सोल पैड्स या जेल पैड्स का इस्तेमाल कर सकती हैं। बाजार में कई तरह के जेल पैड्स या सोल पैड्स मिलते हैं।
अगर सैंडल के स्ट्रैप्स बहुत टाइट हैं तो वे पैरों को कांट सकते हैं। ऐसे में आप स्ट्रैप्स को थोड़ा ढीला कर सकती हैं या स्ट्रैप्स पर थोड़ा सा फैब्रिक सॉफ्टनर लगा सकती हैं।