भारत में बाइक चलाने के शौकीनों के लिए कई बेहतरीन रास्ते हैं। कबीनी के वन्यजीवन से लेकर लेह के ऊंचे दर्रों तक, हर तरह के अनुभव के लिए एक रूट है।
बेंगलुरु - मैसूर - कबीनी वाली यह रूट हरियाली से भरपूर है और कबीनी में आपको वन्यजीवन का रोमांचक अनुभव मिलता है। यहां के टाइगर रिजर्व और बैकवाटर इसे खास बनाते हैं।
भूज - भचाऊ - धोलावीरा का सफर तय करते हुए कच्छ के सफेद रेगिस्तान में बाइक चलाना किसी सपने जैसा है। रास्ते में रण उत्सव, हस्तशिल्प बाजार और कच्छ की सांस्कृतिक का अनुभव कर सकते हैं।
दिल्ली - गुरुग्राम - मानेसर होते हुए यह रूट ऐतिहासिक स्मारकों और रेगिस्तानी सौंदर्य का मेल है। जयपुर पहुंचकर आप राजस्थानी संस्कृति का आनंद ले सकते हैं।
मैसूर - बांदीपुर नेशनल पार्क - ऊटी से गुजरते हुए यह रूट घुमावदार पहाड़ी रास्तों और हरियाली के लिए प्रसिद्ध है। ऊटी का मौसम और चाय बागान आपकी यात्रा को यादगार बना देंगे।
जम्मू - श्रीनगर - गुलमर्ग के इस रूट पर हरे-भरे पहाड़, झीलें, और बर्फ से ढकी चोटियां मिलती हैं। गुलमर्ग का खूबसूरत स्नो राइडिंग अनुभव इसे और खास बनाता है।
शिमला - सराहन - स्पीति - काज़ा की यह रूट साहसिक राइडर्स के लिए परफेक्ट है। यहां के संकरे रास्ते, बर्फीली वादियां और प्राचीन बौद्ध मठ आपको एक अलग दुनिया का अनुभव कराएंगे।
मनाली - रोहतांग पास - सरचू - लेह की यह रूट हर बाइक राइडर का सपना है। दुनिया की सबसे ऊंची मोटरेबल रोड, खूबसूरत दर्रे और लद्दाख की शांति इसे खूबसूरत बनाते हैं।
रूट: मैंगलोर - उडुपी - करवार - गोवा दूरी: लगभग 350 किमी। इस रूट में एक ओर समुद्र की लहरें हैं और दूसरी ओर नारियल के पेड़ हैं। यहां जाने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च है।