नवरात्रि कन्या भोज के नियम: भूलकर भी ना करें ये गलती
Other Lifestyle Oct 11 2024
Author: Deepali Virk Image Credits:social media
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अष्टमी-नवमी पर कन्या भोज करने का है महत्व
शारदीय नवरात्रि की अष्टमी और नवमी पर घरों में कन्याओं को बुलाकर कन्या भोज किया जाता है और उन्हें भोजन कराया जाता है। इसके बाद दक्षिणा भी दी जाती है।
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पैर धुलाकर घर में प्रवेश करना
नवरात्रि के दौरान कन्याओं को घर बुलाकर डायरेक्ट खाना खिलाने की जगह पहले उनके पैर धुलवाकर पैरों में आलता लगाएं, उसके बाद उन्हें कन्या भोज कराएं।
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कन्या भोज के दौरान ना करें ये गलती
नवरात्रि के दौरान कन्या भोज के समय इस बात का ध्यान रखें कि जिन कन्याओं का आप भोजन करा रहे हैं उनकी उम्र तीन से 12 साल के बीच होनी चाहिए।
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भोजन में ना परोसे ये चीजें
कन्या भोजन में पक्का भोजन ही कन्याओं को खिलाया जाता है, जिसमें हलवा, पूरी, चने और एक फल शामिल होता है। उन्हें कच्चा भोजन जैसे दाल-चावल, रोटी सब्जी नहीं खिलाना चाहिए।
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कन्या के बचे हुए खाने को फेंक देना
कन्याएं जो खाना छोड़ कर चली जाती है, उसे कचरे में ना फेंके, बल्कि उस खाने को आप गाय को खिला सकते हैं।
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वस्त्र का दान जरूर करें
अक्सर लोग कन्याओं को केवल पैसे देकर घर से विदा कर देते हैं, जबकि उन्हें कोई वस्त्र जरूर देना चाहिए। आप उन्हें एक छोटी सी चुन्नी या रूमाल भी दे सकते हैं।
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दक्षिणा में चावल देना ना भूलें
जब आप छोटी बच्चियों को कन्या भोज में दक्षिणा दें, तो उन्हें थोड़े से चावल हाथ में दें और इस चावल को घर में छिड़कने को कहें।