तरबूज में पानी की अच्छी- खासी मात्रा मौजूद होती है, जिसे खाने से बॉडी हाइड्रेट रहती है। साथ ही और भी कई फायदे होते हैं, जिस वजह से इस मौसम में इसकी मांग बढ़ जाती है।
तरबूज के व्यापारी कई बार लोगों की सेहत से खिलवाड़ करते हैं। इसे लाल और पका दिखाने के लिए इंजेक्शन या केमिकल का इस्तेमाल करते हैं। जिससे यह फ्रेश और ताजा भी दिखता है।
तरबूज को ज्यादा लाल और रसीला दिखाने के लिए उसमें रंग का इंजेक्शन लगाया जाता है। कई बार तेजी से पकाने के लिए ऑक्सीटोसिन का इंजेक्शन भी लगाया जाता है। जो पेट के लिए घातक होता है।
तरबूज को ज्यादा लाल और रसीला दिखाने के लिए उसमें रंग का इंजेक्शन लगाया जाता है। कई बार तेजी से पकाने के लिए ऑक्सीटोसिन का इंजेक्शन भी लगाया जाता है। जो पेट के लिए घातक होता है।
तरबूज को पहले दो भागों में काट लें और इसके बीच वाले हिस्से पर रुई बॉल लेकर थोड़ी देर तक रगड़े। अगर वो लाल हो जाए तो समझ जाए कि तरबूज में केमिकल का प्रयोग किया गया है।
दूसरे ट्रिक में आप तरबूज के एक टुकड़े को पानी में डालकर कुछ देर छोड़ दें। अगर पानी का रंग बदल जाए तो समझ जाए कि इसमें केमिल का उपयोग किया गया है।
अगर तरबूज वजन में हल्का है तो इसे भी ना खरीदें। क्योंकि हल्का तरबूज हमेशा इंजेक्शन से तैयार किया होता है। नेचुरल तरबूज हमेशा वजन में भारी होते हैं।