वास्तु एक्सपर्ट पंकित गोयल के अनुसार पूजा घर में लाल रंग का उपयोग न करें। लाल रंग आग का प्रतीक है, ऐसे में जब आप मंदिर में पूजा या ध्यान के लिए बैठेंगे, तो आपको शांति नहीं मिलेगी।
ज्योतिषीय दृष्टि से, लाल रंग मंगल ग्रह से संबंधित है, जो उग्रता और संघर्ष का प्रतीक है। पूजा में संतुलित और शांत ऊर्जा की आवश्यकता होती है, जिसे लाल रंग अस्थिर कर सकता है।
शिव पूजा में लाल रंग को वर्जित माना गया है क्योंकि शिव सादगी और शांति के देवता हैं। लाल रंग का उग्र रूप शिव के शांत स्वरूप के विपरीत है। शिव पूजा में सपेद रंग को शुभ माना गया है।
लाल रंग की तीव्रता पूजा के दौरान मन को भटकाने का कारण बन सकती है। यह रंग ध्यान केंद्रित करने और आत्मिक शांति प्राप्त करने में बाधा डाल सकता है।
लाल रंग आंखों और मस्तिष्क पर तीव्र प्रभाव डालता है, जिससे तनाव बढ़ सकती है। पूजा के दौरान मानसिक और शारीरिक शांति आवश्यक होती है, जो लाल रंग के प्रभाव से बाधित हो सकता है।
हमेशा पूजा घर या मंदिर को सफेद, नीला या फिर पीला रंग पेंट करें। इसके अलवा इन्हीं रंगो का इस्तेमाल आसन, धार्मिक ग्रंथों के कवर, भगवान के आसन और बल्ब समेत अन्य चीजों में करें।