17 साल की उम्र में कॉलेज में शाबा और जैमी की मुलाकात हुई। दोनों पक्की सहेलियां थीं। लेकिन हैलोवीन पार्टी में बदल गई इनकी कहानी।
जैमी को शाबा से मोहब्बत हो गया था। हैलोवीन पार्टी में उन्होंने उससे बताया कि वो उन्हें दोस्त से बढ़कर चाहते हैं। लेकिन उस वक्त शाबा ने कुछ नहीं बोलीं।
जैमी को डर था कि कहीं शाबा से उनकी दोस्ती ये कहने के बाद टूट ना जाएं। लेकिन अगले दिन शाबा ने भी उन्हें बताया दिया कि वो भी कुछ वैसा ही महसूस करती हैं। फिर दोनों ने डेट करने लगीं।
जैमी इंग्लैंड के कोलचेस्टर के रहने वाले हैं। चार साल की उम्र से ही वो खुद को लड़के की तरह महसूस करते थे। लेकिन वो लड़की के जिस्म में कैद थें।
जैमी को ये समझ नहीं आ रहा था कि वो एक लड़की को क्यों चाह रही हैं। लेकिन एक दिन जब वो ट्रांसजेंडर के बारे में टीवी पर देखा तो सबकुछ समझ गईं। उन्होंने शाबा से इसके बारे में बात कीं।
जैमी का शाबा ने साथ दिया और उन्हें पूरी तरह समझा। इसके बाद जैमी का हर डर खत्म हो गया और वो अपने शरीर में बदलाव कराने का फैसला लिया।
जैमी की इसके बाद कई सर्जरी हुई और हार्मोनल थेरेपी की गई। जिसके बाद वो एक स्मार्ट ब्वॉय बन गएं। मेट्रो यूके से बातचीत में वो कहते हैं कि वो एक लड़की के शरीर में फंस गए थें।
शाबा और जैमी साल 2020 में ही शादी करने चाहते थे। लेकिन लॉकडाउन की वजह से कर नहीं पाएं। साल 2022 में दोनों क्रिश्चियन रीति रिवाज से एक दूसरे का हाथ थामा।
रेन्स ने 2011 में यूट्यूब चैनल जैमीडोजर शुरू किया। जो काफी फेमस है। इसके साथ वो एलजीबीटी वकील भी हैं। जैमी ने एलजीबीटी पर एक बुक भी लिखी है।
कोरोना महामारी के दौरान शारीरिक परिवर्तनों का डॉक्यूमेंटेशन के लिए जैमी रेन्स को 3 सालों तक हर दिन अपनी एक तस्वीर लेनी पड़ी थीं। 2019 में उन्हें लिंग प्रमाण पत्र मिला।