पूजा मत करों, पूजा का सामन मत टच करों, किचन में मत जाओ, अचार मत छूओं, जैसी बातें हर लड़कियों को सुननी पड़ती है जब वो पीरियड में होती हैं। उनपर मंदिर में घुसने पर भी बैन लग जाता है।
पीरियड का आना एक नेचुरल प्रक्रिया है। इससे हर लड़की को हर महीने गुजरना होता है। अगर किसी लड़की को यह नहीं होता या फिर इसमें गड़बड़ी होती है तो वो मां नहीं बन सकती हैं।
पीरियड का आना एक नेचुरल प्रक्रिया है। इससे हर लड़की को हर महीने गुजरना होता है। अगर किसी लड़की को यह नहीं होता या फिर इसमें गड़बड़ी होती है तो वो मां नहीं बन सकती हैं।
पीरियड की वजह से एक महिला मां बनती है। वो सृष्टि की रचना करती है। ऐसे में पीरियड को लेकर कि यह अपवित्र है कितना सही है? इसका जवाब मोटिवेशनल गुरु जया किशोरी देती हैं।
जया किशोरी जी से जब एक इंटरव्यू में पूछा गया कि पीरियड के दौरान लड़कियां अपवित्र हो जाती हैं। तो जवाब में जया किशोरी जी का ना था।
जया किशोरी जी कहती है कि 9 महीने बच्चे को जब गर्भ में रखते हैं तो उसे खून से सींचते हैं। वो पीरियड वाला ब्लड ही होता है। क्योंकि 9 महीने औरत को पीरिडय नहीं आता है।
बच्चा होने के 40 दिन तक फिर महिला से खून निकलता है। अगर एक औरत पीरियड के दौरान अपवित्र होती है तो फिर सारे मर्द भी अशुद्ध, हैं क्योंकि उन्हें उसी खून से सींचा गया है।
जया किशोरी ने साफ कर दिया कि पीरियड के दौरान कोई भी काम करना गलत नहीं होता है। ये कोई तय नहीं कर सकता है। क्योंकि ये नेचुरल प्रक्रिया है इससे कोई अपवित्र नहीं होता है।