एक गृहस्थ की सबसे मजबूत स्तम्भ पत्नी होती है। वो पति समेत पूरे फैमिली की जिम्मेदारी अपने ऊपर ले लेती है। वो उस घर की इज्जत बन जाती है।
कहते है कि पत्नी गुणवान हो तो वह एक बिगड़े हुए आदमी को भी सुधार देती है। उसकी नाकामयाबियों को कामयाबी में बदल देती है। लेकिन अगर पत्नी खराब हो जाए तो गृहस्थी नरक बन जाती है।
चाणक्य नीति में कहा जाता है कि यदि पत्नी में पतन करने वाले गुण हो और वो समझने पर भी नहीं समझती है तो फिर उसे छोड़ देना चाहिए। आइए जानते हैं कैसी पत्नी को छोड़ देना सही होता है।
चाणक्य नीति के अनुसार ऐसी पत्नी के त्याग को सही माना गया है जिसके वाणी पर बस ना हो। वो कठोर शब्दों का प्रयोग करती हो और बिना सोचे समझे बोलती हो।
गुस्सा लोगों की जिंदगी को नरक बना देता है। चाणक्य कहते हैं कि जिस पत्नी का स्वभाव गुस्सैल होता है। उसे छोड़ देना चाहिए, क्योंकि उसके गुस्से की वजह से आप हमेशा दुखी होते रहेंगे।
सास-जेठानी, ननद और पति से बात-बात पर झगड़ा करने वाली पत्नी का भी त्याग कर देना चाहिए। ऐसी महिला अपने बच्चों को अच्छे गुण नहीं सिखा पाती है। वो पूरी गृहस्थी को तबाह कर देती है।