प्रेमानंद महाराज जी ने बताया कि पति-पत्नी को नवरात्रि, एकादशी, हनुमान जयंती, रामनवमी, ग्रहण काल में संबंध नहीं बनाने चाहिए।
इसके साथ ही प्रेमानंद महाराज ने कहा कि पति-पत्नी को दिन में संबंध नहीं बनाने चाहिए। रात में संसर्ग (मिलन) करना सही होता है।
प्रेमानंद महाराज ने कहा कि अगर आपको अद्भुत संतान चाहिए तो छह महीने तक पति-पत्नी को संबंध नहीं बनाना चाहिए और मंत्र का जाप करना चाहिए।
महाराज जी ने कहा कि छह महीने के जाप के बाद आप पत्नी के साथ संबंध बनाएं। इसके बाद जब आप गर्भधारण करेंगी तो बच्चा असाधारण होगा।
इसके साथ ही महाराज जी ने कहा कि जब गर्भाधारण हो जाए तो बच्चा पैदा होने तक पति-पत्नी को रिश्ता नहीं बनाना चाहिए नहीं तो बच्चे के अंदर कामवासना आ जाएगी।
प्रेमानंद जी की मानें तो अगर आप मंत्र का जाप करते हैं तो उसका प्रभाव जरूर होता है। बच्चे के अंदर अच्छा संस्कार जाता है। गर्भधारण के दौरान धार्मिक कार्य करें और मंत्र जपें।