बेल्वेडियर अपोलो, इटली की कांस्य प्रतिमा कभी वेटिकन पैलेस में हुआ करती थीं। अब ये वेटिकन संग्रहालय में स्थित है। ये मूर्तियां पुनर्जागरण काल की सुंदरता के आदर्श का प्रतीक हैं।
जर्मनी से वोक्सवैगन बीटल लघु मॉडल का प्रदर्शन भी मेहमानों को भाया। ये जर्मनी की इंजीनियरिंग कौशल का प्रतीक है जिसे देख आप भी गदगद हो जाएंगे।
कल्चरल कॉरिडोर में सिंधु-सरस्वती सभ्यता की कांस्य हड़प्पा लड़की की प्रतिमा की अद्भुत प्रतिकृति लगाई गई।
जी 20 के लिए तैयार भारत मंडपम के अंदर बोधि वृक्ष की एक प्रतिमा का प्रतिमूर्ति तैयार की गई है।
टी-आकार के चूना पत्थर के स्तंभ की प्रतिकृति भी लगाई गई है। यह उन समुदायों द्वारा बनाई है जो ऊपरी मेसोपोटामिया, तुर्की में शिकारी समूहों के जरिए कृषि उत्पादन में बदलाव ला रहे थे।
पारंपरिक खाकस, पोगो से सजी महिलाओं की पोशाक और एक वेडिंग ब्रेस्ट प्लेट का मॉडल भी नजर आ रहा। यह रूस में प्रजनन क्षमता और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।
नाइजीरिया की प्राचीन कांस्य मूर्तियां के मॉडल भी यहां आपको देखने को मिल सकते हैं।
कारीगर ने कोरिया गणराज्य से गैट (टोपी) और जोकदुरी (हेडपीस) तैयार किया है। गैट पुरुषों की सामाजिक स्थिति का सूचक है। जोकदुरी एक औपचारिक महिला का साफा है।
बांग्लादेश के राष्ट्रपिता बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान की प्रतिमा भी कल्चरल कॉरिडोर में देखने को मिलीं।
सिंगापुर से न्यूवाटर और न्यूब्रू की अद्भुत पैकेजिंग का प्रदर्शन जल स्थिरता की दिशा में इसके प्रयासों को दर्शाता है।