अनंत अंबानी ने बीते दिनों वनतारा-स्टार ऑफ द फॉरेस्ट के लॉन्च की घोषणा की। यह जंगली जानवरों की रक्षा के लिए किया गया पहल है। यह अपने आप में अनोखा है।
रिलायंस की जामनगर रिफाइनरी की 3000 एकड़ के ग्रीन बेल्ट को बीमार हाथियों, मगरमच्छों, गैंडों और अन्य लुप्तप्राय जानवरों के पुनर्वास व स्वास्थ्य देखभाल केंद्र में बदला गया है।
अनंत अंबानी ने लुप्तप्राय और घायल वन्यजीवों की देखभाल के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे का निर्माण किया है। यहां करीब 200 हाथी, 150 तेंदुए और 60 प्रजातियों के अन्य जानवर रहते हैं।
वनतारा में एक अत्याधुनिक हाथी बचाव केंद्र है। इसे हाथियों के सामने आने वाले खतरों से निपटने के लिए डिजाइन किया गया है। यहां पोर्टेबल एक्स-रे व लेजर मशीनों जैसे आधुनिक उपकरण हैं।
वनतारा में हाथियों के साथ ही सरीसृपों, पक्षियों, गैंडों, तेंदुओं और मगरमच्छों को बचाने का काम भी होता है। इसके लिए 2,100 से अधिक पेशेवरों की टीम चौबीसों घंटे काम करती है।
अनंत अंबानी जानवरों के कल्याण के लिए काम करने वाले दूसरे लोगों से अलग हैं। वह इसके लिए सिर्फ पैसे दान नहीं करते। वह अपने खाली वक्त में खुद जानवरों के संरक्षण में योगदान देते हैं।
अनंत अंबानी को वन्य जीवों के प्रति संवेदनशील बनाने में उनके माता-पिता नीता और मुकेश अंबानी का बड़ा रोल है। वे अनंत को भारत और दुनिया के बड़े अभयारण्यों में लाते थे।
अनंत अंबानी ने वन्य जीवों के कल्याण के लिए जो पहल शुरू की है उससे दुनिया भर के वन्यजीव विशेषज्ञ एक साथ आए हैं।
कुत्तों के प्रति रतन टाटा के प्यार को सब जानते हैं। मार्च से महालक्ष्मी में टाटा ट्रस्ट्स स्मॉल एनिमल हॉस्पिटल खुलेगा। यहां कुत्तों, बिल्लियों और अन्य छोटे जानवरों का इलाज होगा।