NCP नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या की जिम्मेदारी लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने ली है। NIA के अनुसार 700 शूटरों के साथ काम करने वाला यह गिरोह दाऊद इब्राहिम की राह पर चल रहा है।
NIA ने लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बरार समेत 16 गैंगस्टरों के खिलाफ UAPA कानून के तहत चार्जशीट दाखिल की है। NIA ने लॉरेंस बिश्नोई गैंग की तुलना दाऊद इब्राहिम की डी-कंपनी से की है।
NIA के अनुसार लॉरेंस बिश्नोई और उसके गिरोह ने अभूतपूर्व तरीके से विस्तार किया है। यह ठीक उसी तरह जैसे दाऊद इब्राहिम ने 90 के दशक में अपना नेटवर्क तैयार किया था।
दाऊद इब्राहिम ने ड्रग तस्करी, टारगेट किलिंग और जबरन वसूली रैकेट के जरिए अपने नेटवर्क का विस्तार किया। बाद पाकिस्तानी आतंकवादियों के साथ मिलकर डी-कंपनी बनाई।
बिश्नोई गिरोह ने भी छोटे-मोटे अपराधों से शुरुआत की और अपना गिरोह बनाया। अब उत्तर भारत के 11 राज्यों में उसका नेटवर्क है।
लॉरेंस बिश्नोई गैंग में 700 से ज्यादा शूटर हैं। इनमें से 300 पंजाब से हैं। गैंग का संचालन सतविंदर सिंह उर्फ गोल्डी बरार कर रहा है। कनाडा और भारतीय की एजेंसियों को उसकी तलाश है।
2020-21 तक बिश्नोई गिरोह ने जबरन वसूली के जरिए करोड़ों रुपए कमाए थे। यह गैंग युवाओं को कनाडा या उनकी पसंद के किसी देश में भेजने का लालच देकर भर्ती करता है।
पाकिस्तान में रहने वाला खालिस्तानी आतंकवादी हरविंदर सिंह रिंदा पंजाब में टारगेट किलिंग और आपराधिक वारदातों के लिए बिश्नोई के शूटरों का इस्तेमाल करता है।