दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिल गई है। वह शुक्रवार शाम तक जेल से बाहर आ सकते हैं। 1 जून तक बाहर रहेंगे फिर 2 जून को सरेंडर करना होगा।
अंतरिम जमानत कुछ वक्त की जमानत होती है। इसे तब दिया जाता है, जब रेगुलर बेल की एप्लीकेशन पर सुनवाई चलती रहती है। इससे सामान्य जमानत की सुनवाई तक कस्टडी से राहत मिल जाती है।
कई शर्तों के साथ अंतरिम जमानत कोर्ट दे सकती है। इसे बढ़ाया भी जा सकता है। हमेशा शर्तें ऐसी होती हैं, जिससे आरोपी जेल से बाहर आकर जांच प्रभावित न कर सके।
अंतरिम जमानत पर केजरीवाल चुनाव प्रचार कर पाएंगे। सचिवालय, सीएम ऑफिस नहीं जाएंगे। बयानबाजी नहीं करेंगे। एलजी के आदेश के बिना किसी आधिकारिक फाइल पर साइन नहीं करेंगे।
साधारण जमानत का अधिकार हर भारतीय को है। किसी भी आरोप में पुलिस अरेस्ट करती है तो जमानत के लिए कोर्ट में अपील कर सकता है। CRPC की धारा 437, 439 के तहत जमानत मिल सकती है।
अगर किसी को आशंका है कि पुलिस उसे गिरफ्तार कर सकती है तो वह सीआरपीसी की धारा 438 के तहत एडवांस बेल यानी अग्रिम जमानत ले सकता है। यह सिर्फ गैर-जमानती अपराध में मिल सकता है।