राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली का प्रदूषण लगातार बढ़ता जा रहा है। लेटेस्ट रिपोर्ट में AQI लेवल 500 के पार पहुंच गया है।
Central Pollution Control Board ने 18 नवंबर को राष्ट्रीय राजधानी की वायु गुणवत्ता को ‘अति गंभीर’ कैटेगिरी में रखा है।
अंतरिक्ष से जारी किए गए मैप में दिल्ली के आसमान पर धुएं का गुबार देखा जा सकता है।
दिल्ली में धुएं की घनी चादर और कोहरा छाने से लोगों को देखने में भारी दिक्कतें हो रही हैं। कुछ लोगों ने खुजली, आंखों से पानी आने की शिकायत भी की है।
दिल्ली में आप की मार्लेना सरकार ने दफ्तरों की टाइमिंग में मामूली फेरबदल किए हैं। कुछ ऑफिस एक घंटे पहले तो कुछ की टाइमिंग थोड़ा लेट रखी गई है।
दिल्ली में सबसे ज्यादा प्रदूषण आवागमनों के साधनों से होता है। पब्लिक ट्रांसपोर्ट होने के बावजूद यहां की सड़कें निजी वाहनों से भरी रहती हैं।
आरटीओ के औसत रिकॉर्ड के मुताबिक राष्ट्रीय राजधानी में हर दिन करीब 1100 दोपहिया और 500 कारें रजिस्टर्ड कराई जाती हैं। इसमें कॉमर्शियल और दूसरे वाहन की संख्या नहीं जोड़ी गई है।
सर्दियों के महीनों के दौरान घना कोहरा की वजह से भी प्रदूषण का स्तर बढ़ा हुआ दिखता है।
पंजाब-हरियाणा जैसे पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने से भी दिल्ली और एनसीआर का प्रदूषण चरम पर पहुंच जाता है।