20 सितंबर 2017 को प्यूर्टो रिको में तूफान मारिया के चलते लगभग 41 इंच बारिश हुई थी। इसके कारण 4,600 से अधिक लोगों की मौत हुई थी। लगभग 98 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ था।
10 अप्रैल 1815 को इंडोनेशिया में माउंट टैम्बोरा ज्वालामुखी फटा था। लावा, गर्म गैस और राख बहने से 11,000 लोगों की तत्काल मौत हुई थी। भोजन की कमी से 10 हजार से अधिक लोग मारे गए।
1986 में उत्तर-पश्चिमी कैमरून में लेक न्योस की गहराई से कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) का विस्फोट हुआ। इससे लगभग 1,800 लोगों की मौत हुई।
31 मई 1970 को 7.9 तीव्रता के भूकंप के चलते पेरू के सबसे ऊंचे पर्वत माउंट हुआस्करन से बड़े पैमाने पर हिमस्खलन हुआ। इसके चलते 70,000 लोगों की जान गई थी।
8 अक्टूबर 2005 को POK (पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर) में 7.6 तीव्रता का भूकंप आया था। इसके चलते 75,000 से अधिक लोग मारे गए और 100,000 से अधिक घायल हुए।
12 जनवरी 2010 को हैती के लेओगेन शहर के पास 7.0 तीव्रता का भूकंप आया था। इसके चलते 220,000 लोग मारे गए थे। 3 लाख लोग घायल और 15 लाख लोग बेघर हुए थे।
1839 में आए चक्रवात से आंध्र प्रदेश के तट पर स्थित कोरिंगा शहर का अधिकांश हिस्सा खत्म हो गया था। लगभग 3 लाख लोग डूब गए थे।
जून और अगस्त 1931 के बीच चीन में भीषण बाढ़ आया था। इससे एक लाख लोगों की मौत हुई थी। बाढ़ के बाद के महीनों में हजारों लोग मारे गए थे।
26 दिसंबर 2004 को इंडोनेशिया के सुमात्रा में 9.1 तीव्रता का भूकंप आया था। इससे उठी सुनामी के चलते करीब 227,000 लोग मारे गए थे।
6 फरवरी 2023 की सुबह दक्षिण-मध्य तुर्की में गाजियांटेप शहर के पास 7.8 तीव्रता का भूकंप आया था। इससे तुर्की और सीरिया में 50,000 से अधिक लोगों की मौत हुई।