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ये हैं Kargil War के 10 वीर योद्धा, सदियों तक सुनाई जाएगी इनकी कहानी

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26 जुलाई को मनाया जाता है कारगिल विजय दिवस

26 जुलाई को कारगिल युद्ध में शहीद हुए सैनिकों की याद में कारगिल विजय दिवस मनाया जाता है। आइए जानते हैं इस जंग के 10 वीर योद्धाओं के बारे में जिनकी कहानी सदियों तक सुनाई जाएगी।

Image credits: X-@firefurycorps_IA
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1. कैप्टन विक्रम बत्रा (परमवीर चक्र, मरणोपरांत)

कैप्टन विक्रम बत्रा ने टोलोलिंग नाले के ऊपर स्थित चोटी 5140 को जीतने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इसके बाद पीक 4875 पर कब्जा करने गए थे। वह शहीद हो गए थे।

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2. ग्रेनेडियर योगेंद्र सिंह यादव (परमवीर चक्र)

योगेंद्र सिंह यादव को टाइगर हिल पर 16500 फीट ऊंची खड़ी चट्टान के टॉप पर स्थित तीन बंकरों पर कब्जा करना था। वह गोलियां लगने पर भी बंकर तक पहुंचे और पाकिस्तानी सैनिकों को मार गिराया।

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3. कैप्टन मनोज कुमार पांडे (परमवीर चक्र, मरणोपरांत)

मनोज कुमार पांडे गोरखा राइफल्स में थे। उन्होंने बटालिक सेक्टर में जौबर टॉप और खालूबर पहाड़ी पर लड़ाई लड़ी थी। उन्हें मरणोपरांत परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया।

Image credits: X-ADG PI - INDIAN ARMY
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4. लेफ्टिनेंट बलवान सिंह (महावीर चक्र)

बलवान सिंह ने अपने घातक प्लाटून के साथ टाइगर हिल टॉप पर हमला किया था। वह गंभीर रूप से घायल हो गए फिर भी लड़ाई जारी रखी। उन्होंने टाइगर हिल पर कब्जा करने में बड़ी भूमिका निभाई।

Image credits: X-ADG PI - INDIAN ARMY
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5. मेजर राजेश सिंह अधिकारी (महावीर चक्र, मरणोपरांत)

राजेश सिंह को टोलोलोंग पर कब्जा करना था। उन्होंने कई दुश्मनों को मार गिराया था। गोली लगने के बाद भी टीम का नेतृत्व करते रहे। टोलोलोंग से दुश्मनों को हटाने में बड़ी भूमिका निभाई।

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6. राइफलमैन संजय कुमार (परमवीर चक्र)

संजय कुमार मुश्कोह घाटी में प्वाइंट 4875 के फ्लैट टॉप पर कब्जा करने करने गए थे। उन्होंने तीन घुसपैठियों को मार गिराया और गंभीर रूप से घायल हो गए। इसके बाद भी लड़ाई जारी रखी।

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7. मेजर विवेक गुप्ता (महावीर चक्र, मरणोपरांत)

विवेक गुप्ता के नेतृत्व में 2 राजपुताना राइफल्स के जवानों ने द्रास सेक्टर में टोलोलिंग टॉप पर हमला किया था। दो गोलियां लगने के बाद भी वह लड़ते रहे और तीन दुश्मनों को मार गिराया।

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8. कैप्टन एन केंगुरूसे (महावीर चक्र, मरणोपरांत)

केंगुरूसे द्रास सेक्टर में एरिया ब्लैक रॉक पर हमले के दौरान घातक प्लाटून के कमांडर थे। उनके पेट में छर्रे लगने से खून बह रहा था। उन्होंने लड़ाई लड़ी और कई दुश्मनों को मार गिराया।

Image credits: X-Vikas Manhas
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9. लेफ्टिनेंट कीशिंग क्लिफोर्ड नोंग्रम (महावीर चक्र, मरणोपरांत)

नोंग्रम बटालिक सेक्टर में प्वाइंट 4812 पर कब्जा करने गए थे। दुश्मन से मशीन गन छीनने की कोशिश में उन्हें गोलियां लगी थी। इसके बाद भी लड़े और प्वाइंट 4812 पर कब्जा किया।

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10. नायक दिगेंद्र कुमार (महावीर चक्र)

दिगेंद्र कुमार द्रास सेक्टर में टोलोलिंग पर हमले के दौरान लाइट मशीन गन ग्रुप के कमांडर थे। उनके बाएं हाथ में गोली लगी थी। घायल होने के बाद भी उन्होंने एक हाथ से फायरिंग जारी रखी।

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क्यों मनाया जाता है कारगिल विजय दिवस?

पाकिस्तानी सैनिकों ने कारगिल पर कब्जा किया था। उन्हें हटाने के लिए 3 मई से 26 जुलाई तक चली जंग में 527 वीर शहीद हुए थे। जंग में मिली जीत के अवसर पर कारगिल विजय दिवस मनाया जाता है।

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