जम्मू-कश्मीर में डोडा जिले के डेसा में आतंकी अटैक में सेना के कैप्टन समेत चार जवान की मौत हो गई। एक पुलिसकर्मी की भी जान चली गई है। घटना सोमवार रात 9 बजे के आसपास हुई।
देश की रक्षा करते हुए जो सैनिक अपनी जान गंवाते हैं, उनके परिजनों को सरकार की तरफ से कई सुविधाएं दी जाती हैं। इनमें बच्चों की पढ़ाई से लेकर आर्थिक मदद तक शामिल है।
जान गंवाने वाले जवानों के परिवारों को आर्मी ग्रुप इंश्योरेंस के 25 लाख रुपए सरकार देती है। आर्मी वाइव्स वेलफेयर एसोसिएशन, सैनिक कल्याण बोर्ड जैसे संगठन भी मदद करते हैं।
सेना के जवान की मौत के बाद पत्नी को हर महीने पेंशन दी जाती है। केंद्र सरकार 10 लाख रुपए और जवान जिस राज्य से होता है, वहां की सरकार भी परिवार की आर्थिक मदद करती है।
PIB पर दी गई जानकारी के अनुसार, शहीद जवान की विधवाओं को पेट्रोल पंप आवंटन जैसी सुविधाएं भी सरकार की ओर से मिलती है। उन्हें रेल पास और कंसेशन कार्ड मिलता है।
रक्षा मंत्रालय ने PIB को दी जानकारी में बताया, जान गंवाने वाले सैनिकों के बच्चों की पढ़ाई-इलाज के खर्च में छूट दी जाती है।मौत या मिसिंग जवानों के बच्चों को ट्यूशन फीस सरकार देती है
देश की रक्षा करते हुए जिन जवानों की मौत होती है, उनके बच्चों के स्कूल बस का खर्च, रेलवे पास, बोर्डिंग स्कूल, हॉस्टल फीस, सालाना 2,000 रुपए कॉपी-किताब का खर्च सरकार उठाती है।
देश के लिए जान देने वाले जवान के बच्चों को 2000 रुपए तक यूनिफॉर्म खर्च, 700 रुपए ड्रेस, ECHS में फ्री इलाज। MBBS में 42 और बीडीएस कोर्स में 3 सीटें उनके बच्चों के लिए आरक्षित।