2 अक्टूबर, 2024 को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 155वीं जयंती (Gandhi Jayanti 2024) है। उनकी पूरी लाइफ आज भी न सिर्फ हम भारतीयों बल्कि दुनिया के कई लोगों के लिए प्रेरणा बनती है।
महात्मा गांधी फुटबॉल के फैन थे। साउथ अफ्रीका के डरबन, प्रिटोरिया, जोहानसबर्ग में 3 फुटबॉल क्लब बनाए। इन क्लबों को पैसिव रेसिस्टर्स सॉकर कहा जाता था।इनसे अश्वेत खेलों का हिस्सा बनें
साइंटिस्ट अल्बर्ट आइंस्टीन के कमरे में पहले न्यूटन और जेम्स मैक्वेल की पोट्रेट थी, सेकेंड वर्ल्ड वॉर की हिंसा के बाद उन्होंने अल्बर्ट श्वाइटजर और महात्मा गांधी की तस्वीर लगा ली थी।
1999 में टाइम मैगजीन के सवाल पर ऐपल को-फाउंडर स्टीव जॉब्स ने कहा,'पर्सन ऑफ सेंचुरी के लिए महात्मा गांधी मेरे फेवरेट हैं।' 1985 में कंपनी से निकाले जाने पर गांधी जी का चश्मा अपनाया।
महात्मा गांधी अपनी लाइफ में कभी अमेरिका नहीं गए और ना ही प्लेन में बैठे। आत्मकथा में गांधी जी ने लिखा- बचपन में डरपोक और शर्मीले थे। स्कूल से भाग जाते थे, ताकि बात ही न करनी पड़े।
साल 1918 में गांधी जी ने पगड़ी पहनना छोड़ दिया था। अहमदाबाद में एक मजदूर आंदोलन के दौरान बापू ने कहा था कि जितना कपड़ा उनकी पगड़ी में लगता है, उससे चार मजदूरों का तन ढक जाएगा।
बापू का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था। रवींद्रनाथ टैगोर ने महात्मा की उपाधि दी। चंपारण के किसान ने बापू नाम दिया। नेताजी ने सिंगापुर से प्रसारित रेडियो संदेश में राष्ट्रपिता कहा
गांधी जी के चाहे जितने भी नाम बाद में मिले लेकिन उनके माता-पिता बचपन में उन्हें प्यार से मोनिया कहकर पुकारते थे। इस नाम से गांधी जी अपने दोस्तों में भी जाने जाते थे।