फिल्म एक्टर गोविंदा (Govinda) को गलती से अपनी ही लाइसेंसी रिवॉल्वर से पैर में गोली लग गई। वह रिवॉल्वर साफ कर रहे थे तभी हादसा हुआ।
हादसे रोकने के लिए लाइसेंस देते समय देखा जाता है कि रिवॉल्वर रखने वाले की सेहत कैसी है। जानें भारत में रिवॉल्वर का लाइसेंस कैसे मिलता है और इसके लिए क्या योग्यता होनी चाहिए।
भारत में रिवॉल्वर लाइसेंस पाने के लिए आवेदक को Arms Act 1959 के तहत बताए गए खास मानदंडों को पूरा करना होता है।
आवेदक भारत का नागरिक होना चाहिए। उसकी उम्र कम से कम 21 साल (खेल के लिए अपवाद) होनी चाहिए। उसका गंभीर आपराधिक रिकॉर्ड नहीं होना चाहिए।
आवेदक को बताना होता है कि उसे क्यों लाइसेंस चाहिए। उसकी जान को किस तरह का खतरा है। फसल की रक्षा करना चाहता है या शूटिंग के खेल के लिए चाहिए।
आवेदक को आवेदन के साथ पहचान पत्र (आधार, पासपोर्ट), आयु व पता के प्रमाण पत्र, मेडिकल फिटनेस सर्टिफिकेट और कैरेक्टर सर्टिफिकेट देना होता है।
आवेदक को MBBS डॉक्टर से अपनी मानसिक स्थिरता और शारीरिक फिटनेस का सर्टिफिकेट लेना होता है। मानसिक और शारीरिक रूप से फिट होने पर ही लाइसेंस मिलता है।
आवेदन करने के बाद स्थानीय पुलिस इस बात का वेरिफिकेशन करती है कि बताई गई जानकारी सही है। आवेदक की पृष्ठभूमि कैसी है। क्या सच में उसकी जान को खतरा है।
पुलिस वेरिफिकेशन में पास होने के बाद यह देखा जाता है कि आवेदक ने रिवॉल्वर चलाने की ट्रेनिंग ली है या नहीं। उसे फायर आर्म्स सेफ्टी कोर्स पूरा करना होता है।
रिवॉल्वर लाइसेंस आम तौर पर तीन साल के लिए वैध होता है। इसके बाद इसे रिन्यू कराना होता है।