पीएम नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ बातचीत की है। इस दौरान 31 MQ-9B प्रिडेटर ड्रोन की डील पक्की की गई। इससे चीन और पाकिस्तान जैसे दुश्मनों को सावधान हो जाना चाहिए।
भारत MQ-9B के 16 स्काई गार्जियन और 15 सी गार्जियन मॉडल खरीदने जा रहा है। इससे भारत की खुफिया, निगरानी और टोही क्षमताओं में वृद्धि होगी। इस पर 33,310 करोड़ रुपए से अधिक खर्च होंगे।
MQ-9B प्रीडेटर की सबसे बड़ी खासियत बिना शोर किए काम करने की है। यह 250 मीटर की ऊंचाई पर उड़ सकता है और टारगेट को इसकी भनक तक नहीं लगती, जब तक अपनी आंखों से देख न ले।
MQ-9B प्रीडेटर 50 हजार फीट से अधिक ऊंचाई पर उड़ान भर सकता है। इसकी अधिकतम रफ्तार 442 km/h है। यह लगातार 40 घंटे तक उड़ सकता है।
MQ-9B ड्रोन को किसी भी मौसम में लंबे मिशन पर तैनात किया जा सकता है। इसे हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों के अलावा, हवा से जमीन पर मार करने वाली मिसाइलों से भी लैस कर सकते हैं।
MQ-9B ड्रोन 4 मिसाइलों और लगभग 450 किलोग्राम बम सहित करीब 1,700kg वजन लेकर उड़ सकता है। यह एक बार में 3218km की यात्रा कर सकता है।
15 MQ-9B ड्रोन इंडियन नेवी को मिलेंगे। सेना और वायुसेना को 8-8 ड्रोन मिलेंगे। इनकी मदद से चीन और पाकिस्तान से लगी सीमा की बेहतर निगरानी हो सकेगी।
MQ-9B भारत में उड़ते हुए भी चीन और पाकिस्तान के सामरिक ठिकानों की जासूसी कर पाएगा। इससे किसी खास क्षेत्र की लंबे समय तक निगरानी आसान होगी।