सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को एक जनहित याचिका पर सुनवाई होगी। इसमें महिलाओं की सुरक्षा के लिए उपाय की मांग की गई है। कहा गया है कि यौन अपराधों के लिए दोषी का बधियाकरण किया जाए।
याचिका में कहा गया है कि पोर्न तक आसान पहुंच का यौन अपराधों में वृद्धि से सीधा संबंध है। ऑनलाइन पोर्नोग्राफी और ओटीटी प्लेटफार्मों पर अश्लीलता पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाए।
रेप के मामले में दोषी के बधियाकरण की सजा दुनिया के कई देशों में दी जाती है। कहीं दवाओं की मदद से ऐसा किया जाता है तो कहीं इसके लिए सर्जरी की जाती है।
पाकिस्तान में रेप के दोषी को नपुंसक बनाया जाता है। इसके लिए इंजेक्शन या गोलियों की मदद से रासायनिक बधियाकरण किया जाता है। ये दवाएं शरीर में टेस्टोस्टेरोन का स्तर घटा देती हैं।
दक्षिण कोरिया में बाल उत्पीड़न के दोषी का रासायनिक बधियाकरण किया जाता है। इसका मकसद है कि दोषी पाया गया व्यक्ति फिर कभी ऐसा गुनाह नहीं कर सके।
अमेरिका के सात राज्यों (कैलिफोर्निया, फ्लोरिडा, गुआम, आयोवा, लुइसियाना, मोंटाना और विस्कॉन्सिन) में रेप के दोषियों को रासायनिक बधियाकरण की सजा मिलती है।
चेक गणराज्य में रेप के दोषी की सर्जरी की जाती है और उसकी यौन ग्रंथियों को हटा दिया जाता है। इससे दोषी पुरुष नपुंसक बन जाता है।
यूक्रेन में बलात्कारियों को रासायनिक रूप से नपुंसक बनाने का प्रावधान है। यह 18 से 65 साल के लोगों पर लागू होता है जो नाबालिगों के साथ बलात्कार या यौन शोषण के दोषी पाए जाते हैं।
नाइजीरिया में रेप करने पर बेहद कड़ी सजा मिलती है। सर्जरी कर दोषी का बधियाकरण किया जाता है। अगर पीड़ित की उम्र 14 साल से कम है तो बधियाकरण के बाद मृत्युदंड मिलती है।
नाइजीरिया में अगर कोई महिला पुरुष का यौन शोषण करने के मामले में दोषी पाई जाए तो उसे सल्पिंगेक्टोमी से गुजरना होता है। इसमें फैलोपियन ट्यूब हटा दिया जाता है।